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Thursday, November 15, 2018

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बड़ी कार्रवाईः भाजपा ने एक साथ कई दिग्गज नेताओं को किया बाहर

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भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने 53 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह सभी नेता भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण चुनाव मैदान में उतर गए थे।


मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने जा रहे चुनाव से पहले भाजपा के कई दिग्गज नेता भी अपनी ही पार्टी के खिलाफ निर्दलीय मैदान में उतर गए थे। नामांकन फार्म वापस लेने के अंतिम समय तक इन लोगों ने पार्टी की एक न सुनी। काफी मान-मनौव्वल के बावजूद जब वे नहीं माने तो पार्टी ने सभी को एक साथ पार्टी से निष्कासित कर दिया।

 

भाजपा से निष्कासित हुए ये बड़े नेता
दमोह और पथरिया विधानसभा से निर्दलीय मैदान में उतर चुके भाजपा के पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया।

-नामांकन वापसी के दिन बुधवार शाम तक दमोह में पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया को मनाने गए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा भी बैरंग लौट आए। इसके बाद तय हो गया था कि कुसमरिया चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं। अंततः पार्टी ने कुसमरिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। कुसमरिया दमोह में वित्तमंत्री जयंत मलैया के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं वहीं पथरिया में भी वे मुश्किल बन रहे हैं।

 

सरताज को किया बाहर
मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और सिवनी मालवा से विधायक सरताज सिंह भी भाजपा के कद्दावर नेताओं में माने जाते थे। वे अर्जुन सिंह को चुनाव हराकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। सरताज सिंह सिवनी मालवा से टिकट के लिए अड़े हुए थे, लेकिन उम्र दराज होने के कारण पार्टी ने उन्हें साइडलाइन कर दिया था। अंततः वे बागी हो गए और उन्होंने होशंगाबाद से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया। पार्टी ने सरताज सिंह को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया।


केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विनय सहस्त्रबुद्धे, कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह ने बैठक में इन बागियों के निष्कासन का फैसला ले लिया गया।

 

कांग्रेस के 14 बागी मैदान में
भाजपा से बागियों के निष्कासन के बाद अब कांग्रेस से किस-किस को निष्कासित किया जा सकता है, इस बारे में सभी की निगाह लग गई है। मध्यप्रदेश में फिलहाल चुनाव मैदान में कांग्रेस के 14 बागी डटे हैं। इन्हें भी मनाने की सभी कोशिशें कामयाब नहीं हो सकीं।

 

यह भी है खास
-झाबुआ के पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा को निकाला।
-भिंड से भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह सपा टिकट पर उतरे हैं।
-गुना की बमोरी सीट से पूर्व मंत्री केएल अग्रवाल भी नहीं माने।
-पूर्व मोर्चा अध्यक्ष धीरज पटैरिया, बैरसिया से पूर्व विधायक ब्रह्मानंद रत्नाकर, पुष्पराज गढ़ सीट से पूर्व विधायक सुदामा सिंह, ग्वालियर दक्षिण से पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता, बाबूलाल मेवरा, राजकुमार मेव को भी हटा दिया गया है।
-इनके अलावा उषा सक्सेना, शाजापुर से बागी जेपी मंडलोई सरीखे कई दिग्गजों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

 

यह नेता बच गए
-हुजूर विधानसभा क्षेत्र से बागी हो गए जितेंद्र डागा ने अंततः अपना फार्म वापस ले लिया। इसलिए वे बच गए।
-शमशाबाद से निर्दलीय मैदान में उतरने वाले पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने भी नामांकन वापस ले लिया।
--पूरे प्रदेश में दिनभर में 556 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए।
-9 नवंबर तक 4157 प्रत्याशी मैदान में थे, अब 2907 ही बचे हैं।
-सुसनेर में पूर्व गो-संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक (भाजपा) संतोष जोशी, बड़नगर में पूर्व विधायक पुत्र जितेंद्र पंड्या, नागदा-खाचरौद भाजपा के दयाराम धाकड़ मान गए।
-शुजालपुर में भाजपा से असंतुष्ट राजेंद्रसिंह राजपूत ने भी नाम वापस ले लिया।

 



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