नई दिल्ली। वेस्ट बंगाल में ईस्ट मिदनापुर में मानवता का शर्मसार करने वाला मामला आया है। यहां उत्तर रानीचौंक में स्थित सालिसी सभा (कंगारू कोर्ट) ने एक गर्भवती महिला को ऐसी सजा सुनाई कि सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं। यहां एक पुरुष से प्रेम प्रसंग और बाद में उसी से शादी को लेकर कोर्ट द्वारा सुनाई सजा के बाद 18 वर्षीय महिला को अपने गर्भपात के लिए मजबूर होना पड़ा।
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पुलिस के अनुसार गांव के मुखिया शेख रबिबुल मुलिक और सचिव शेख अशरफ अली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इन लोगों पर कंगारू कोर्ट बुलाने का आरोप है। पुलिस के सीनियर आॅफिसर ने बताया कि ये लोग महिला ने करीब तीन महीने पहले एक कारपेंटर के साथ हुई शादी से खुश नहीं थे। यही कारण है कि गांव का मुखिया इसको बदनामी मानते हुए महिला को सबक सिखाना चाहता था। जिसके बाद महिला को कंगारू कोर्ट में पेश किया गया है। यहां सजा सुनाते हुए उससे दस उठक-बैठक लगवाईं। इस दौरान महिला बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। जब इतने पर भी आरोपियों का मन नहीं भरा तो उन्होंने महिला के पेट पर लात मारनी शुरू कर दी। जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई और उसको हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने महिला को उसके गर्भपात की जानकारी दी।
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दरअसल, इस घटना का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि उनकी बेटी को गांव के मुखिया समेत अन्य लोगों ने बुरी तरह प्रताड़ित किया है। मामले की जांच कर रहे सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर तमनोय मुखर्जी के अनुसार पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर लग गई है। आरोपियों की पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
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