भोपाल. मध्यप्रदेश में सरकार बनाने के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने हारे हुए उम्मीदवारों के साथ समीक्षा बैठक की है। लोकसभा चुनावों के पहले माना जा रहा है कि नाथ पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को फिर से जोश में भरना चाहते हैं। 115 सीटों पर हारे प्रत्याशियों से सभी क्षेत्रों का फीडबैक लिया इस दौरा भितरघात और अधिकारियों की शिकायतें मिली। हालांकि इस दौरान सीएम कमलनाथ ने सभी हारे हुए नेताओं से कहा कि आने मेरे लिए आप ही उस क्षेत्र के विधायक हैं और हम सबको साथ में लेकर चलेंगे किसी के साथ कोई गलत नहीं होगा। वहीं, सीएम से कई नेताओं ने हार की वजह भितरघात और अधिकारियों के पक्षपात की शिकायत की है।
लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू
तीन महीने बाद देश में लोकसभा चुनाव हैं। तीन राज्यों में जीत से कांग्रेस में उत्साह है। बैठकों का दौर, गुटों को साधने की तैयारी, रूठों को मनाने की भी जिम्मेदारी है इसलिए माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ एक्शन मोड में हैं। बाता दें कि छत्तीसगढ़ को छोड़कर कांग्रेस को मध्यप्रदेश और राजस्थान में उपेक्षित सफलता नहीं मिली है। दोनों ही राज्यों में बसपा के सहारे सत्ता मिली है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को बहुमत ना मिलने का कारण भितरघात भी है। कमलनाथ ने 115 सीटों पर हारे प्रत्याशियों से सभी क्षेत्रों का फीडबैक लिया। कमलनाथ ने कहा ऐसे सभी अफसरों की सूची और सर्वे रिपोर्ट मौजूद है, आप लोग अपनी रिपोर्ट भी सौंप दें, कार्रवाई होगी।
मेरे लिए आप ही विधायक
115 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की हार हुई है। कमलनाथ ने इन हारे हुए उम्मीदवारों को जोश और उत्साह से लबरेज करते हुए कहा कि आप लोग चिंता मत करिए मेरे लिए आप ही उस क्षेत्र के विधायक हैं। आप अपने आप को पराजित नहीं मानें, सभी का मान-सम्मान बरकरार रहेगा औरअभी से लोकसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत से जुट जाएं।
सीएम को बताई गई जमीनी हकीकत
विधानसभा चुनाव में हारी हुई सीटों की समीक्षा बैठक में कमलनाथ के सामने ज्यादातर नेताओं ने अपने क्षेत्र की मैदानी हकीकत बताई। मुख्यमंत्री ने सभी कांग्रेसियों को यह नसीहत भी दी कि जिन अफसरों ने पक्षपात किया है, उनके नाम का उल्लेख मीटिंग में न करें, मुझे लिखित में सौंप दें, मेरे पास सभी का कच्चा चिट्ठा है। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि अफसरों की सिफारिश भी सोच-समझकर करना। मैंने तय कर लिया है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने अपने क्षेत्र चुरहट में अधइकारी की शिकात की है तो पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
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