शनि अमावस्या पर शनिदेव की पूजा-आराधना का विधान माना जाता है। इस दिन शनिदोषों से मुक्ति पाने का बहुत ही अच्छा समय होता है। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक न्याय के देवता शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि अमावस्या का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। शनैश्चरी अमावस्या को शनिदेव के लिए कुछ आसान उपाय करने से शनिदेव की क्रूर दृष्टि का प्रभाव कम होता है। इसलिए इस दिन लोग व्रत,उपवास और उपाय करते हैं। इसके अतिरिक्त पंडित रमाकांत मिश्रा बताते हैं की शनि अमावस्या पर शनि के प्रभावों को कम करने के लिए दान भी किया जाता है। आइए जानते हैं किन उपायों को करने से शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है...
1. अमावस्या के दिन शनि मंदिरों में शनि की वस्तुओं का दान करें, काले तिल, काली उड़द, काली राई, काले वस्त्र, लौह पात्र तथा गुड़ का दान इन चीज़ों से शनि शांत होते हैं।
2. शनि की प्रसन्नता के लिए उड़द, तेल, इन्द्रनील, तिल, कुलथी, भैंस, लोहा, दक्षिणा और श्याम वस्त्र दान करें।
3. शनि अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के चारों तरफ 7 बार कच्चा सूत लपेटें, इस समय शनि के किसी मंत्र का जप करते रहें।
4. शनि अमावस्या के दिन अपने हाथ की नाप का 19 हाथ काला धागा माला बनाकर पहनें।
5. शनि अमावस्या के दिन काले घोड़े की नाल या नाव की सतह की कील का बना छल्ला मध्यमा में धारण करें।
6. अमावस्या की शाम को पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करें तथा ज्ञात अज्ञात अपराधों के लिए क्षमा मांगें।
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