इंदौर.
नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह की रवानगी 7 दिन के अंदर हो जाएगी। कांग्रेस पार्षदों और नेताओं ने मुख्यमंत्री कमल नाथ से मुलाकात के दौरान बताया कि न तो वे सम्मान देते और न ही हमारी सुनते हैं। काम करने में भेदभाव अलग रखते हैं। इसके साथ ही जब मुख्यमंत्री नाथ को यह मालूम पड़ा कि सिंह देवास से इंदौर चॉइस पर आए हैं तो वे भड़क गए और अपने स्टाफ से बोले हफ्तेभर में इन्हें हटाने की कार्रवाई हो जाना चाहिए।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के काबिज होने के बाद से उन अफसरों पर गाज गिरना शुरू हो गई है जो कि भाजपा की सरकार में काफी पॉवर फुल रहे या फिर कांग्रेस के नेताओं की बात नहीं सुनते थे। पिछले दिनों उज्जैन के संभागायुक्त और कलेक्टर मनीष सिंह को इसलिए हटा दिया गया, उन्होंने मंत्रियों के फोन नहीं उठाए। कांग्रेस की सरकार में नेताओं और कार्यकर्ताओं की न सुनने वाले अफसरों पर मुख्यमंत्री नाथ गाज गिरा रहे हैं। अब बारी निगम आयुक्त आशीष सिंह की है, क्योंकि बुधवार को नाथ से मिलने पहुंचे कांग्रेस पार्षद अंसाफ अंसारी, अनवर दस्तक, गोलू अग्निहोत्री, रफीक खान और मुकेश यादव ने इनकी शिकायत की है।
ऐसे अफसर की निगम में नहीं जरूरत
मुख्यमंत्री नाथ ने मुलाकात के दौरान जब कांग्रेस पार्षद और नेताओं से पूछा कि निगम में क्या चल रहा है? आयुक्त आप लोगों के काम करने के साथ सुनवाई करते हैं या नहीं? सम्मान देते हैं या नहीं और भेदभाव तो नहीं करते हैं। इस पर पार्षद अंसारी ने कहा कि हमारे वार्ड में काम नहीं हो रहे। आयुक्त सम्मान नहीं देते और न ही फोन उठाते हैं। काम करने में भेदभाव रखते हैं। इसी तरह की शिकायत पार्षद दस्तक और अन्य नेताओं ने की और कहा कि काम नहीं हो रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने पहले कहा- ठीक है मैं देखता हूं और इन्हें हटाने की कार्रवाई करता हूं। उन्होंने यहां तक कहा कि जो अफसर कांग्रेस पार्षदों और नेताओं सहित कार्यकर्ताओं की नहीं सुने, ऐसे अफसर की निगम में जरूरत नहीं।
सिंह का लिया पूरा बॉयोडाटा
कांग्रेस पार्षदों और नेताओं की शिकायत पर मुख्यमंत्री नाथ ने मौके पर मौजूद अपने निजी स्टाफ के अफसरों से निगमायुक्त सिंह का पूरा बॉयोडाटा मांगा। इस पर अफसरों ने बताया कि देवास कलेक्टर थे। यहां से इंदौर नगर निगम आयुक्त बनकर गए हैं। मुख्यमंत्री नाथ ने पूछा- बाय चॉइस यानी अपनी पसंद से गए हैं क्या इंदौर? अफसरों ने कहा जी सर... इतना सुनते ही मुख्यमंत्री नाथ भड़क गए और बोले चॉॅइस पर जाने वाला अधिकारी नहीं चलेगा। अब मैं जिसको भेजंूगा, वही इंदौर जाएगा। एक हफ्ते के अंदर निगमायुक्त सिंह को हटाने की कार्रवाई होना चाहिए। निगमायुक्त सिंह की शिकायत करने के साथ कांग्रेस पार्षद और नेताओं ने निगम के अन्य कई अफसरों के बारे में मुख्यमंत्री नाथ को बताया है। इनकी सूची भी मांगी गई है।
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