भोपाल। आइएसबीटी पर मल्टीलेवल पार्किंग के लिए योजना स्तर पर काम शुरू हो गया है। हाल में भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की बोर्ड बैठक में इसके लिए प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी।
इस मंजूरी के बाद ही निगम स्तर पर इसके लिए योजना शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि प्रारंभिक प्लानिंग बनाकर मंजूरी के लिए शासन के माध्यम से केंद्र को प्रस्ताव भेजेंगे। यहां से मंजूरी के बाद इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाने और इसके आधार पर जमीनी काम शुरू होगा।
बोर्ड डायरेक्टर केवल मिश्रा का कहना है कि आइएसबीटी पर ट्रैफिक का भार बढऩे से अब अतिरिक्त पार्र्किंग की जरूरत महसूस हो रही है।
रोजाना 20 हजार वाहनों की आवाजाही
आइएसबीटी पर सुबह से रात तक करीब 20 हजार वाहनों की आवाजाही हो जाती है। ये बीते एक साल में दोगुना हुई है। मल्टीलेवल पार्र्किंग की प्रारंभिक रिपोर्ट के लिए निगम के इंजीनियरों ने आंकड़े खंगाले तो ये स्थिति पता चली।
आइएसबीटी पर बसों की संख्या आवाजाही बढऩे, पासपोर्ट केंद्र का काम बढऩे के साथ ही पंजीयन कार्यालय इसकी बड़ी वजह है। यहां आसपास कुछ हॉस्पिटल व इसी तरह के प्रकल्प शुरू होने से भी भार बढ़ा। ट्रैफिक की दिक्कत बढ़ रही है।
शहर में यहां भी पार्र्किंग की अतिरिक्त जरूरत
आइएसबीटी की तरह शहर में करीब 12 क्षेत्रों में मल्टीलेवल या अन्य तरह की पार्र्किंग की अतिरिक्त व्यवस्था की जरूरत है।
शाहपुरा तालाब व पार्क- यहां तालाब किनारे पार्क में भ्रमण करने रोजाना शाम को बड़़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। रोड पर जाम जैसे हालात बन जाते हैं। तालाब किनारे विकसित हो रही नर्सरी के पास खाली जमीन है। यहां पर पार्र्किंग विकसित हो तो जाम से राहत मिले, तालाब किनारे कब्जा भी नहीं होगा।
नहर तिराहा चूनाभट्टी- कोलार से चुनाभट्टी की और नहर तिराहे पर पूरे दिन वाहनों का जमावड़ा रहता है। इस पूरी लाइन में पार्र्किंग की अतिरिक्त व्यवस्था करने की जरूरत है। यहां काली मंदिर में दर्शन करने वालों से लेकर बाजार में खरीदारी करने वालों को सडक़ पर वाहन पार्क करने पड़ते है।
काली मंदिर छोटा तालाब- यहां पर पार्र्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रसिद्ध मंदिर होने के बावजूद लोगों को बाहर गली में वाहन पार्क करने पड़ते हैं। चार पहिया वाहन से आने वालों को बड़ी परेशानी होती है। यहां पार्र्किंग विकसित करने की जरूरत है।
गुलमोहर अस्सीफीट रोड- इस रोड पर बड़ा बाजार विकसित हो गया है। ओरा मॉल से आगे तक दुकानें है और पार्र्किंग पूरी सडक़ पर है। सडक़ पर खड़े वाहनों से दिन में कई बार जाम की स्थिति बनती है। अतिरिक्त पार्र्किंग स्थल विकसित करने की जरूरत है।
जिंसी चौराहा- यहां बड़ा बाजार विकसित है। सडक़ पर वाहन खड़े करने पड़ते हैं। पूरे दिन जाम लगता है। हैरत ये कि पार्र्किंग की कोई व्यवस्था ही नहीं है। यहां पर पार्र्किंग विकसित करने की जरूरत है।
नोट- इस तरह से कफ्र्यूवाली माता मंदिर, हलालपुर बस स्टैंड, बैरागढ़ में मल्टीलेवल पार्र्किंग से दूर दो बड़ी पार्र्किंग स्थल चाहिए, बोट क्लब पर मल्टीलेवल पार्र्किंग विकसित की जा सकती है, भेल क्षेत्र में इंद्रपुरी, सोनागिरी समेत इनसे लगे चार बड़े क्षेत्रों में पार्र्किंग स्थल की जरूरत है।
यहां की मल्टीलेवल में जबरिया भेजने की कवायद
अभी न्यू मार्केट मल्टीलेवल में वाहनों को भेजने पुलिस अभियान चला रही है। इसके साथ ही एमपी नगर में मल्टीलेवल में अभी एक हजार वाहन भी नहीं आ रहा। इसके लिए यहां अभियान शुरू करने की बात कही जा रही है।
इब्राहिमपुरा मल्टीलेवल पार्र्किंग पुराने वाहनों के खड़े होने का स्थान बन गई है। अभी बैरागढ़ में भी मल्टीलेवल में लोग स्वेच्छा से वाहनों की पार्र्किंग नहीं कर रहे हैं।
55 स्मार्टपार्र्किंग, लेकिन 30 ही चल रही है
शहर में माइंडटेक कंपनी दो साल बाद भी 55 स्मार्टपार्र्किंग विकसित नहीं कर पाई। अभी महज 30 पार्र्किंग ही शुरू हो पाई है। गौरतलब है कि ये पार्र्किंग लाभ वाली पार्र्किंग है। इनमें न्यू मार्केट, एमपी नगर, दस नंबर के पार्र्किंग स्थल है।
जहां पर लाभ वाली जगह नहीं है या फिर विवाद की आशंका अधिक है वहां पर माइंडटेक ने पार्र्किंग स्थल विकसित नहीं की।
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