बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्सनिस्ट Aamir khan का आज इंडस्ट्री में डंका बजता है। ठीक तरह कभी आमिर के चाचा Nashir Hussen का भी जलवा था। स्क्रीनराइटर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर नासिर हुसैन का निधन 13 मार्च, 2002 में हुआ था। नासिर इंडस्ट्री में मसाला फिल्में बनाने के लिए पहचाने जाते हैं। 70-80 के दशक की उनकी कई फिल्में आज भी याद की जाती हैं। आइए जानते हैं नासिर से जुड़े कुछ अनजाने सीक्रेट्स...
बतौर राइटर शुरू किया था कॅरियर
वर्ष 1948 में नासिर हुसैन ने कमल जलालाबादी से के साथ बतौर राइटर अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कई हिट फिल्में लिखीं जिनमें 'अनारकली' (1953) और 'पेइंग गेस्ट' (1957) थीं। बतौर डायरेक्टर नासिर हुसैन की पहली फिल्म 'तुमसा नहीं देखा' (1957) थी। फिल्म में शम्मी कपूर की मुख्य भूमिका थी।
शादीशुदा नासिर हुआ था आशा को प्यार
वर्ष 1959 में नासिर हुसैन ने शम्मी कपूर और आशा पारेख को लेकर फिल्म 'दिल देके देखो' बनाई थी। आशा ने 17 साल की उम्र में इस फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा था। इसके बाद आशा ने नासिर के साथ कई फिल्मों में काम किया। काम के दौरान दोनों एक—दूसरे से प्यार कर बैठे। जबकि नासिर पहले से शादीशुदा थे, लेकिन आशा पारेख उनकी प्यार में पड़ गईं। लेकिन वो नहीं चाहती थीं उनकी वजह से किसी का घर टूटे। इसलिए लंबे समय के बाद आशा पारेख ने इस रिश्ते को खत्म कर दिया।
आशा ने सरेआम किया था कबूल
एक इंटरव्यू के दौरान आशा पारेख ने कबूल किया था कि उन्होंने जिंदगी में सिर्फ नासिर हुसैन से ही प्यार किया। नासिर से रिश्ता टूटने के बाद उन्होंने कभी शादी नहीं की। आशा ने बताया था कि मेरी मां हर हाल में मेरी शादी करना चाहती थीं, लेकिन मेरा मानना था कि जब तक कोई मनपसंद नहीं मिल जाए तब कि मैं शादी नहीं करूंगी। ना ही मुझे कोई मिला और फिर ना ही मैंने शादी की।'
आमिर के चाचा थे नासिर हुसैन
नासिर हुसैन रिश्ते में बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान के चाचा थे। उनके बेटे मंसूर खान ने ही आमिर के लिए फिल्म 'कयामत से कयामत तक'(1988) और 'जो जीता वही सिंकदर' (1992) डायरेक्ट की। यह दोनों फिल्में आमिर के कॅरियर में मील का पत्थर साबित हुईं। नासिर का निधन 2002 में मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
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