श्रीमद्भगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि- मनुष्य का केवल शरीर मरता है उसकी आत्मा नहीं । आत्मा एक शरीर को छोड़कर दूसरे शरीर में प्रवेश करती है, जिसे पुनर्जन्म कहा गया हैं । धर्म शास्त्रों के अनुसार जिन मनुष्यों के कर्म अच्छे होते हैं वे पुनर्जन्म लेते हैं । ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया की देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल जी की एक बार भी देश के इस क्षेत्र में पुनर्जन्म लेंगे, मत्यु के समय उनकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार वे एक बार फिर देव भूमि भारत में पुनर्जन्म अवश्य लेंगे और पुनः देश को नई दिशा दे सकते है ।
धर्म ग्रंथों के अनुसार ऐसी मान्यता कि मुक्ति सिर्फ मानव जन्म में ही मिलती है, कहते है कि मानव जीवन अनमोल है, इसके लिए उसे 84 लाख योनियों से गुजरना पड़ता हैं, तब जाकर मनुष्य योनि में जीवन मिलता हैं । हालांकि नया जन्म लेने के बाद पिछले जन्म कि याद बहुत हि कम लोगो को रह पाती है । इसलिए ऐसी घटनाएं कभी कभार ही सामने आती है । पुनर्जन्म की घटनाएं भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों मे सुनने को मिलती रहती है ।
अटल जी की जन्म कुंडली
पं. तिवारी के अनुसार भारत के सबसे अधिक लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म कुंडली के अनुसार उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को रात 8:00 बजे मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था । जन्म लग्न कर्क है और कुंडली में ग्रहों की स्थिति- कर्क लग्न में राहु और मकर राशि में केतु विराजमान थे वही पंचम भाव का स्वामी मंगल जो कि दशम भाग्य स्थान में विराजमान था एवं एकादश भाव का स्वामी शुक्र पंचम भाव में विराजमान था, वहीं शनि उच्च का होकर चौथे भाव में बैठा हुआ था ।
पंचम भाव और दशम भाव के स्वामी मंगल के भाग्य स्थान में बैठने के चलते ही अटल जी को प्रधानमंत्री पद का सुख प्राप्त हुआ । बृहस्पति में मंगल की दशा में ही वे प्रधानमंत्री बने और शनि में केतु के आने के उपरांत उनकी सेहत खराब हुई और मार्केश सूर्य की दशा में अटल जी को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा । शनि में सूर्य, सूर्य में राहु के कारण उनको मृत्यु का सामना करना पड़ा ।
अटल जी यहां लेंगे पुनर्जन्म
स्व. अटल बिहारी बाजपेई एक बार पुनः लेंगे जन्म- यह कहना हैं ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी का । पं. तिवारी ने कहा कि- अगर किसी जातक की मृत्यु जब उच्च के शनि में होती है अर्थात जन्म कुंडली में उच्च का शनि हो और उसकी महादशा चल रही हो तो जातक का एक बार पुनः जन्म अवश्य होता ही है ।
2024 में इस दिशा में लेंगे पुनर्जन्म
वर्ष 2018 में जिस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की मृत्यु हुई थी उस समय उनकी कुंडली में भी शनि उच्च का था और शनि की ही महादशा भी चल रही थी । इसलिए यह कहा जा सकता है कि स्व. अटल जी आगामी वर्ष 2024 में देव भूमि भारत की पवित्र धरा पर उत्तर दिशा में एक बार पुनः पुनर्जन्म लेंगे, और अगले जन्म में अटल जी की पवित्र आत्मा का पुनर्जन्म मिथुन लग्न और वृश्चिक राशि में होगा । अगले जन्म में भी इनकी पुण्य आत्मा बेहद बुद्धिशाली होंगी और पुरुष स्वरूप में ही इनका जन्म भी होगा । भविष्य की राजनीति में वह दिव्य शरीर धारी आत्मा भारत भूमि के उत्थान में अपना महत्वपूर्ण योगदान अवश्य देंगी ।
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