इंदौर. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को झाबुआ-आलीराजपुर और धार के हजारों लोगों को सिलिकोसिस जैसी लाइलाज गंभीर बीमारी देने वाली गुजरात के गोधरा, बालासिन्नोर की औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के आदेश हाल ही में दिए। न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति एस. नजीर की बेंच ने कहा, इन इकाइयों से सिलिकोसिस के साथ अन्य गंभीर प्रभाव हो रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तत्काल जांच कर पर्यावरणीय कानूनों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों को बंद कर 6 माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
याचिकाकर्ता सिलिकोसिस पीडि़त संघ की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया, इन फैक्ट्रियों में पर्यावरणीय कानूनों एवं सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा। इससे हजारों लोग सिलिकोसिस की गिरफ्त में आए थे। न्यायमूर्ति सिकरी और न्यायमूर्ति नजीर ने माना, इन इकाइयों से सिलिकोसिस के साथ अन्य गंभीर प्रभाव हो रहे हैं। ज्ञात हो, मप्र के आलीराजपुर, धार तथा झाबुआ के 589 आदिवासी मजदूरों की मौत हो चुकी है। संघ के दिनेश रायसिंह और मोहन सुलिया ने सिलिकोसिस पीडि़तों के लिए पेंशन एवं समुचित पुनर्वास की मांग की है।
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