नई दिल्ली। पिछले दस साल से चीन जैश प्रमुख मसूद अजहर को आतंकी घोषित होने से लगातार बचा रहा है लेकिन इस बार चीन के लिए पुलवामा के गुनहगार आतंकी को बचा पाना मुश्किल होगा। पी3 देशों और भारत की मुहिम में कोई अड़ंगा न लगा दे इस बात बात के मद्देनजर पुख्ता सबूत देने की भी पूरी तैयारी है। जानकारी के मुताबिक इस बार अड़ंगा लगने पर भारत unsc में कई दमदार सबूत पेश करेगा। ताकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लग सके।
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मसूद को 3 बार बचा चुका है चीन
यूएनएससी में भारत इससे पहले भी कई बार जैश सरगना मसूद अजहर के खिलाफ सबूत पेश कर चुका है, लेकिन चीन हर बार वीटो पावर लगाकर उसे बचा लेता है। ऐसा चीन इससे पहले तीन बार कर चुका है। इस बार भी चीन मसूद अजहर के खिलाफ पुख्ता सबूत मांग रहा है।
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फुल प्रूफ डोजियर तैयार
बतौर सबूत भारत इस बार यूएनएससी को मसूद अजहर की कई टेप और जैश-ए-मोहम्मद की कई अन्य टेप सौंपेगा। इसके लिए भारत की ओर से पूरा डोजियर तैयार किया गया है। इस डोजियर में एक ऑडियो टेप है जिसमें मसूद अजहर खुद को जैश ए मोहम्मद का प्रमुख बता रहा है।
जैश पर प्रतिबंध का विरोधी नहीं
चीन इससे पहले 2009, 2016 और 2017 में तीन बार मसूद अजहर को बचा चुका है। जब भी UNSC में प्रस्ताव पेश हुआ तो चीन ने पुख्ता सबूत न होने की बात कर प्रस्ताव को खारिज करता रहा है। हालांकि चीन जैश-ए-मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाने का विरोध नहीं करता है। चीन का कहना था कि मसूद जैश का सरगना है इसका कोई सबूत नहीं है।
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