इंदौर. स्वास्थ्य मंत्री के शहर इंदौर के जिला अस्पताल में आज सुबह गर्भवती महिला डिलीवरी के लिए पहुंची तो जिम्मेदारों ने उसे अंदर लेना भी मुनासिब नहीं समझा। वह गेट पर पड़ी तड़पती रही। डॉक्टर अस्पताल में थे नहीं, एक नर्स व वार्ड बॉय ने कह दिया बाहर पड़े रहो। जब मैडम आएंगी, लिख देंगी, तब एमवायएच चली जाना।
सुबह करीब 8 बजे स्कीम नंबर 71 में रहने वाली मीरा डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल पहुंची। मीरा के जीजा सुभाष ने बताया कि अंदर गए तो नर्स ने कह दिया की बाहर रहो, अभी मैडम नहीं हैं, आएंगी तब एमवायएच का लिख देंगे। हालांकि जिला अस्पताल के रैन बसेरे में डिलीवरी सुविधा शुरू कर दी गई है। पर महिला को भर्ती करना मुनासिब नहीं समझा। महिला गेट पर दर्द से कराहती रही, आने-जाने वाले उसकी हालत देखकर तरस खाते रहे, लेकिन जिम्मेदार डॉक्टर, नर्स व स्टॉफ को दया नहीं आई। जब सिविल सर्जन डॉ. एमपी शर्मा तक बात पहुंची, तो वे अस्पताल आए, लेकिन महिला एमवायएच जा चुकी थी।
संबंधित पर होगी कार्रवाई
सिविल सर्जन का कहना है कि महिला को कल डॉ. कल्पना भटनागर ने देखा। डिलीवरी में समय था, इसलिए अगले दिन आने का कहा था। आज सुबह उसे किसने भर्ती नहीं किया और अस्पताल में आने से मना किया, इसकी जानकारी निकाल रहे हैं। दोषी पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
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