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Sunday, May 12, 2019

पैंट-शर्ट-जैकेट, सफारी छोड़ कुर्ते-पजामे को तरजीह दे रहे भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी

विकास मिश्रा इंदौर. 30 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद इंदौर को सांसद का नया चेहरा मिलेगा। भाजपा ने जहां आठ चुनाव के बाद शंकर लालवानी को पहली बार मैदान में उतारा हैं, वहीं कांग्रेस से पंकज संघवी मैदान में हैं, जो पहले भी दो बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

टिकटों की घोषणा के बाद से ही दोनों उम्मीदवार युद्ध स्तर पर चुनावी अभियान में जुटे हैं। उनकी दिनचर्या से लेकर खान-पान और पहनावे तक में काफी बदलाव आ गया हैं। प्रतिदिन 6 से 7 घंटे तक सोने वाले शंकर लालवानी और पंकज संघवी फिलहाल 3-4 घंटे ही नींद ही ले पा रहे हैं। पहनावे की बात करें तो शंकर लालवानी सामान्यत: राजनीतिक और गैर राजनीतिक कार्यक्रमों में पैंट-शर्ट और मोदी जैकेट पहनते हैं, लेकिन प्रचार में अब कुर्ता-पजामा ही पहन रहे हैं। वहीं पंकज संघवी ज्यादातर सफारी सूट ही पहनते हैं, लेकिन इन दिनों वे भी सिर्फ कुर्ते-पजामे में नजर आ रहे हैं।

छाछ से ठंडक, नारियल पानी से तरावट

दोनों बी प्रत्याशी गर्मी और दिनभर भागदौड़ के चलते लिक्विड डाइट (तरल पदार्थ) को ही प्राथमिकता दे रहे हैं। पंकज सुबह दही-पराठे का नाश्ता लेकर निकलते हैं, वहीं लालवानी अंकुरित अनाज (स्प्राउड्स) का नाश्ता कर निकलते हैं। प्रचार के दौरान लालवानी नारियल पानी से तरावट हासिल करते हैं तो पंकज छाछ से ठंडक ले रहे हैं। पंकज का लंच दोपहर १ से २ के बीच तो लालवानी का दोपहर २ से ३ के बीच हो रहा है। पंकज अमूमन अपने घर का खाना खाते हैं, जबकि लालवानी का भोजन किसी भी कार्यकर्ता के घर होता है।

संघवी सिर्फ सफेद, लालवानी रंगीन कुर्ते में

संघवी जनसंपर्क के पहले दिन से ही सफेद कुर्ते-पजामे पहन रहे हैं। परिवार के अनुसार चुनाव के लिए उन्होंने करीब एक दर्जन सफेद कुर्ते-पजामे सिलवाए हैं। गर्मी को देखते हुए कॉटन के कपड़े का ही इस्तेमाल किया है। शंकर लालवानी ने हलके रंग के दर्जन भर कुर्ते-पजामे सिलवाए हैं। क्लाथ मार्केट स्थित उनके टेलर ने कुर्तो के रंग गर्मी के अनुसार रखे हैं। हालांकि उनके पसंदीदा लाल रंग के कुर्ते कुछ अधिक हैं। लालवानी कभी भी कपड़ों के साथ चमड़े का इस्तेमाल नहीं करते हैं। न तो वे बेल्ट पहनते हैं और न ही जेब में लेदर पर्स रखते हैं। प्रचार में थकान कम हो, इसलिए कपड़े के शूज पहन रहे हैं। पंकज संघवी भी ब्रांडेड स्पोट्र्स शूट के दम पर दिन भर पैदल चलते हैं।

मां का आशीर्वाद और पत्नी से तिलक : पंकज संघवी सुबह 8.30 बजे करीब प्रचार के लिए निकलते हैं। इससे पहले उनकी पत्नी उन्हें तिलक करतीं हैं, जबकि शंकर लालवानी प्रतिदिन करीब 9.30 बजे घर से निकलते हैं। इससे पहले में करीब 15 मिनट मां से चर्चा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेकर प्रचार की शुरुआत करते हैं। आमदिनों की तरह दोनों घर के मंदिर में रोज पूजन भी कर रहे हैं।

एक योग से तो दूसरा मेडिटेशन से मिटा रहा थकान
आम तौर पर रात 11-11.30 बजे तक सोने वाले पंकज इन दिनों रात 2.30 से 3 बजे तक जाग रहे हैं। दिन भर प्रचार के बाद रात में बैठकों का दौर और रणनीति पर मंथन होता है। आम दिनों में 7.30 बजे उठने वाले संघवी सुबह 5.30 बजे उठ रहे हैं। चुनावी थकान उतारने के लिए घर पर ही आधे घंटे मेडिटेशन करते हैं। लालवानी भी रात 2.30 बजे के पहले नहीं सो पा रहे हैं। सुबह करीब ६ बजे उठने के बाद 6.30 से 7 बजे तक वे घर पर योग करते है।



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