नई दिल्ली। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने एक विशालकाय उल्का पिंड (Meteorite) की खोज की है। ये आकार में माउंट एवेरेस्ट (Mount Everest) से भी कई गुना बड़ा है। यह धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा है। अगर ये वायुमंडल से टकाराता तो सुनामी का खतरा हो सकता है। क्योंकि साल 1908 में साइबेरिया के वायुमंडल में हुए उल्कापिंड के टकराव पर भी ऐसी स्थिति बनी थी, लेकिन पिंड का आकार छोटा था इसलिए वो नुकसान पहुंचाने के बजाय खुद जलकर खाक हो गया था।
नासा ने खोजा पृथ्वी से डेढ़ गुणा बड़ा ग्रह, मिली जीवन की संभावना
नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार जो उल्का पिंड धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा है, उसका आकार काफी बड़ा है। इसलिए नुकसान ज्यादा होने की आशंका थी, लेकिन गणना के अनुसार टकराव के वक्त उल्का पिंड धरती से कई किलोमीटर दूरी से गुजरेगा इसलिए ज्यादा कोई फर्क देखने को नहीं मिलेगा। इस उल्का पिंड को 52768 (1998 OR 2) नाम दिया गया है। इस उल्का पिंड को नासा ने सबसे पहले 1998 में देखा था। यह उल्का पिंड अगले महीने 29 अप्रैल को धरती (Earth) के पास से गुजरेगा।
डॉक्टर स्टीवन प्राव्दो ने इस बारे में एक बयान जारी किया है। उनके मुताबिक उल्का पिंड 52768 सूरज का एक चक्कर लगाने में 1,340 दिन या 3.7 वर्ष लेता है और एक दिन की धुरी 4 दिन में पूरी करता है। ये उल्का पिंड धरती की ओर 31,319 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आ रहा है। खगोलविदों के मुताबिक ऐसे उल्का पिंडों का हर 100 साल में धरती से टकराने की 50,000 संभावनाएं होती हैं।
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