Today and Tomorrow Live

Friday, January 19, 2024

demo-image

स्कूलों में गणित पढ़ा रहे 41 फीसदी शिक्षकों ने स्नातक स्तर पर नहीं पढ़ा यह विषय

black_bord_8688314-m

नई दिल्ली. देश के स्कूलों में 41 फीसदी तक मैथ्स टीचर्स ऐसे हैं, जिन्होंने खुद स्नातक स्तर पर गणित विषय नहीं पढ़ा। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआइएसएस) की ओर से जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। ‘द राइट टीचर फॉर एवरी चाइल्ड’ नाम की रिपोर्ट देश के आठ राज्यों में किए गए सर्वे पर आधारित है। इनमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, बिहार, असम, मिजोरम, कर्नाटक और तेलंगाना शामिल हैं।रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी और निजी, दोनों स्कूलों में 35 से 41 फीसदी गणित शिक्षकों के पास स्नातक स्तर पर गणित विषय के रूप में नहीं था, फिर भी वे बच्चों को गणित पढ़ा रहे हैं। सर्वे में 422 स्कूलों के 3615 शिक्षकों, 422 मुख्य शिक्षकों, 68 शिक्षक शिक्षण संस्थानों, बीएड में पढऩे वाले 1481 विद्यार्थी शिक्षकों और 268 टीचर एजुकेटर को शामिल किया गया। हाल ही शिक्षा केंद्रित गैर-लाभकारी संस्था प्रथम फाउंडेशन की सालाना शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) में बताया गया था कि 14 से 18 साल की उम्र के कई विद्यार्थी तीसरी कक्षा के गणित के सवाल हल नहीं कर पाते। टीआइएसएस की रिपोर्ट में स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों पर चिंता जताते हुए बताया गया कि सबसे ज्यादा 35 फीसदी पद गणित के शिक्षकों के ही खाली पड़े हैं। अंग्रेजी शिक्षकों के 31 फीसदी और क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों के 30 फीसदी पद खाली हैं।

50 फीसदी टीचर्स बिना अनुबंध नौकरी में

रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी स्कूलों में अनियमित भर्ती और प्राइवेट स्कूलों में लचर रोजगार शर्तों के कारण शिक्षण कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। कई राज्यों के प्राइवेट स्कूलों में 50 फीसदी ऐसे शिक्षक पढ़ा रहे हैं, जिनकी सेवाओं के लिए कोई लिखित अनुबंध नहीं है। टीआइएसएस की अध्यक्ष और रिपोर्ट की मुख्य लेखक पद्मा एम. सारंगपानी ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर शिक्षकों की मांग और आपूर्ति की नीति बनाने में मदद मिल सकती है।

रिपोर्ट की खास बातें

1. 35 फीसदी गणित के शिक्षकों के पद सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में खाली।

2. 36 फीसदी सरकारी और 65 फीसदी प्राइवेट स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की कमी। कला और संगीत के शिक्षकों की कमी सबसे ज्यादा।

3. 8 राज्यों के प्राइमरी स्कूलों में 46 फीसदी शिक्षकों में ही पर्याप्त पेशेवर योग्यता।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/toh2fVO

No comments:

Post a Comment

Pages

undefined