भोपाल. शहर के गैस राहत अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के चलते मरीज परेशान हैं। कहीं दवाओं की कमी है तो कहीं जांच के पर्याप्त इंतजाम ही नहीं हैं। ये हालात बीएमएचआरसी से लेकर बाकी के 6 बड़े गैस राहत अस्पतालों में बन रहे हैं। इसमें सुधार करने के लिए अब तक जो प्रयास किए गए वे नाकाफी साबित हुए हैं।
शहर का पहला सुपरस्पेशलिटी अस्पताल भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में भी सुविधाओं की कमी है। मरीजों ने बताया कि यहां इलाज के लिए की कई दवाएं तो मरीजों से ही मंगाई जा रही हैं। अस्पताल में कई जीवन रक्षक दवाओं की कमी हो गई है। गैस कांड में प्रभावित लोगों के इलाज के लिए ये अस्पताल बनाया था।
34 साल बाद भी जख्म हैं हरे...
2-3 दिसंबर 1984: कीटनाशक बनाने वाली यूनियन कार्बाइड से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस रिसी। 4 दिसंबर को एफआइआर।
1 दिसंबर 1987: सीबीआई ने यूनियन कार्बाइड चेयरमैन वॉरेन एंडरसन व कंपनी के 11 अफसरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
9 फरवरी 1989: एंडरसन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी।
14-15 फरवरी 1989: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत सरकार और यूनियन कार्बाइड के बीच सहमति बनी। यूका मुआवजे के तौर पर 470 मिलियन डॉलर देने को तैयार हुई, लेकिन इसके बदले कंपनी के मुखिया और अन्य पर लगाए गए सभी चार्ज वापस लेने थे। विरोध देख सुप्रीम कोर्ट ने ये पेशकश अमान्य कर दी।
5 अप्रैल 1993: गैस पीडि़त संगठनों द्वारा केंद्र सरकार से अंतरिम मुआवजा, आर्थिक पुनर्वास और चिकित्सा सहायता की मांग।
फरवरी 2001: यूका और डाउ केमिकल कंपनियों का विलय। डाउ ने उत्तरदायित्व वहन करने से इनकार किया। विरोध के बाद 2002 में डाउ ने कदम पीछे खींचे।
30 सितंबर 2002: पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट देहरादून ने अध्ययन के बाद बताया कि कई क्षेत्रों के पेयजल में पारा है।
19 जुलाई 2004- सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि गैस पीडि़तों को यूका से मिले क्षतिपूर्ति के 1503 करोड़ रुपए वितरित करें।
7 जून, 2010- भोपाल जिला अदालत ने आरोपियों को दो-दो साल की सजा सुनाई, सभी आरोपी जमानत पर रिहा भी कर दिए गए।
20 जून 2010- गैस पीडि़त संगठन के अब्दुल जब्बार और एड. शहनवाज खान ने एंडरसन को फरार कराने के मामले में तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह व एसपी स्वराज पुरी के खिलाफ अदालत में इस्तगासा पेश किया।
29 सितंबर 2014- भोपाल गैस कांड के मुख्य आरोपी वॉरेन एंडरसन की अमेरिका में मौत ।
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