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Monday, December 3, 2018

जहां बनाए थे सबसे ज्यादा क्यू लेस बूथ , वहां नहीं बढ़ा वोटिंग प्रतिशत, दक्षिण-पश्चिम में भी रहा कम

भोपाल। विधानसभा चुनाव में इस बार वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए बूथों पर दो प्रकार के नवाचार किए गए। मतदाता को लाइन से मुक्ति दिलाने क्यू लेस बूथ बनाए गए। जिन विधानसभा में महिला मतदाता की संख्या ज्यादा थी वहां पिंक बूथ बनाए। लेकिन इन नवाचारों का असर ज्यादा देखने को नहीं मिला। सात में से तीन विधानसभा में इस बार वोट प्रतिशत वर्ष २०१३ के मुकाबले बढ़ा है। जिले का वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ा है, लेकिन मध्य विधानसभा में जहां सबसे ज्यादा क्यू लेस बूथ बनाए गए थे वहां प्रतिशत कम रहा। यही हाल दक्षिण पश्चिम में रहा। हुजूर में १० पिंक बूथ बनाए थे, यहां मतदान प्रतिशत बढ़ा है। हुजूर में एक भी क्यू लेस बूथ नहीं बनाया था।

जिले में २२५९ बूथों में से ४६ पिंक और ३० क्यू लेस मतदान केंद्र बनाए गए थे। निर्वाचन आयोग ने पहली बार ये नवाचार किया है। सिर्फ अरेरा कॉलोनी में ही १५ क्यू लेस बूथ बनाए गए थे, जो मध्य विधानसभा में आता है। इन बूथों पर बच्चों के खेलने के लिए झूले, बुजुर्गों के लिए बैठने की व्यवस्था की गई थी। अरेरा में ही इस नवाचार करने के पीछे लोगों को वोटिंग के लिए प्रेरित करना था। अरेरा में ही इस नवाचार करने के पीछे लोगों को वोटिंग के लिए प्रेरित करना था।

- यहां बनाए थे क्यू लेस बूथ-१. बैरसिया विधानसभा में ५ बूथ, २. भोपाल उत्तर में ३ बूथ, ३. नरेला में २. बूथ, ४. दक्षिण-पश्चिम में ३ बूथ, भोपाल मध्य में१५ बूथ, ६.गोविन्दपुरा में २ बूथ ।

- पिंक बूथ: महिलाओं के लिए राजधानी में ४६ पिंक बूथ बनाए गए हैं। सबसे ज्यादा हुजूर में १०, इसके बाद दक्षिण पश्चिम विधानसभा में ९, गोविंदपुरा और नरेला में७-७, मध्य में ६, उत्तर में ४ और बैरसिया में ३ बूथ बनाए गए थे।

ये है अंतर-
विधानसभा---- २०१३---२०१८

मध्य विधानसभा--६२.३९---६०.१३
दक्षिण पश्चिम--६४.७९----६१.७५

उत्तर विधानसभा--६३.९६---६५.५१
गोविंदपुरा--६१.५३----६०.४८

हुजूर---६५.२४---६९.९४
नरेला---६५.२४---६५.३२

बैरसिया---७२.३७---७६.८७



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