नोएडा. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले जेवर में बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जमीनी स्तर पर उतारने की कवायद तेज हो गई है, ताकि चुनाव में इसका लाभ लिया जा सके। यही वजह है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जेवर एयरपोर्ट का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत कराने के लिए मंजूरी दी है। कैबिनेट की बैठक के दौरान सोमवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) कंपनी को एयरपोर्ट के लिए अर्जित भूमि और भूमि का प्रबंधन 90 वर्षों के लिए लीज पर देने के साथ ही विकासकर्ता के चयन के अधिकार देने की मंजूरी दी गई।
इसकी पुष्टि करते हुए प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी को जेवर एयरपोर्ट का निर्माण पीपीपी मॉडल पर करने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि पीपीपी मॉडल के लिए कंस्लटेंट की ओर से तैयार निविदा और अनुबंध दस्तावेज पर केन्द्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद आगे की कार्रवाई कंपनी के सहयोग से करने की भी मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट के लिए 2300 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से 1239.1416 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के लिए आवश्यक 4500 करोड़ रुपये में से अभी 1500 करोड़ रुपये की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट के लिए भूमि अर्जन के लिए 2.5 प्रतिशत अर्जन व्यय राजस्व विभाग को भुगतान करने से भी नागरिक उड्डयन विभाग को छूट दी गई है। अर्जन व्यय की आंकलित 2852 करोड़ रुपये का समायोजन करने की मंजूरी दी गई। जेवर एयरपोर्ट की जद में आ रही सरकारी विभागों की भूमि और संपत्तियां नि:शुल्क नागरिक उड्डयन विभाग को हस्तांतरित करने के लिए भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा लोगों पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन के लिए आवश्यक राशि के अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अधिकृत किया गया है।
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