भोपाल। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के पास सायकिलिंग के तीन कॉरीडोर बनाने के प्रस्ताव लंबे समय से लंबित है। इनमें किसी तरह की तोडफ़ोड नहीं करना होगी। करीब ३६ किमी का ट्रैक मौजूदा सड़कों पर कुछ डिमार्केशन कर विकसित किया जा सकता है। अब तक बीआरटीएस, स्मार्टरोड पर करोड़ों रुपए खर्च से ट्रैक विकसित करने की कवायद चल रही थी, जिससे अन्य सड़कों पर मामूली खर्च के ट्रैक पर ध्यान नहीं दिया गया।
सड़क किनारे एेसे सायकिलिंग ट्रैक का निकलेगा स्थान
मैनिट सिविल एक्सपर्ट प्रोफेसर एसपीएस राजपूत का कहना है कि इंडियन रोड कांग्रेस के नियमों के तहत सिंगल लेन ३.५ मीटर व डबल लेन रोड ७ मीटर की है। हमारे यहां दो लेन रोड १० से १२ मीटर की है। तीनों मेन रोड ही इस श्रेणी की है। एेसे में दो लेन, फुटपाथ का स्थान निकालने के बावजूद एक तरफ डेढ़ मीटर तक का स्थान सायकिल लेन के लिए निकाला जा सकता है।
ये तीन सायकिलिंग ट्रैक प्रस्तावित
- मेन रोड एक पर बोर्ड ऑफिस से नानके पेट्रोल पंप तक एक तरफ का साढ़े तीन किमी का ट्रैक बनेगा। दोनों और सात किमी का समानतल का ट्रैक बन जाएगा।
- मेन रोड दो पर मानसरोवर कॉम्प्लेक्स के सामने से सुभाष स्कूल, नूतन कॉलेज के पास से होते हुए माता मंदिर और डिपो चौराहा तक एक तरफ का साढ़े सात किमी लंबा ट्रैक बनेगा। यहां छह स्कूल रास्ते में है, जहां छात्रों को सायकिल से स्कूल पहुंचने के प्रति उत्साह बढ़ेगा। दोनों तरफ १५ किमी लंबा ट्रैक होगा।
- मेन रोड तीन पर अरेरा पेट्रोल पंप से एमएसीटी चौराहा होते हुए वैशाली नगर से सीधे भदभदा होते हुए सैर सपाटा तक सात किमी लंबा ट्रैक बनेगा। दोनों और १४ किमी लंबाई होगी।
नोट- बीसीएलएल ने सायकिलिंग को लेकर ये प्रस्ताव तैयार कराए थे, लेकिन इन पर काम शुरू नही किया।
ट्रैक तैयार, डिमार्केशन कर शुरू कर सकते हैं
बीडीए के पूर्व चीफ आर्किटेक्ट अवनीश सक्सेना का कहना है कि सायकिल लेन को अलग करने पीली लाइन और बीच में केट आई लगाकर बाकी सड़क से अलग किया जा सकता है। यहां छोटे बोलार्ड भी लगाए जा सकते हैं।
महज सात फीसदी सायकिलें ही उपयोग हो रही
स्मार्टसिटी की माय बाइक प्रोजेक्ट के तहत तीन करोड़ रुपए की खरीदी सायकिलों में से आम लोग महज सात फीसदी का ही उपयोग कर पा रहे हैं। गुरुवार को मंत्री पीसी शर्मा के सामने हुए प्रजेंटेशन में ये तथ्य सामने आया था। इसकी बड़ी वजह शहर में सायकिलिंग ट्रैक का नही होना है। तेज रफ्तार वाहनों के बीच सायकिलिंग करने से लोग डरते हैं। शहर की मुख्य सड़कों पर अलग ट्रैक होगा तो सायकिलिंग बढ़ेगी, जिसका लाभ शहर के बेहतर पर्यावरण के तौर पर मिलेगा। बीसीएलएल के एडिशनल सीइओ ओपी भारद्वाज का कहना है कि सायकिलिंग के लिए तो काम चल ही रहा है। शहर के अंदर की सड़कों के लिए जो प्रस्ताव है उनके अनुसार काम होगा।
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