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Monday, January 7, 2019

इस समाज की मांग भारत की नागरिकता के साथ सिंध जाने के लिए वीजा से मिले मुक्ति

इंदौर. सिंध से भारत आकर नागरिकता लेने वालों को परिवारों से मिलने जाने के लिए वीजा ना लेना पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार से चर्चा की जाए। भारत सरकार पाकिस्तान सरकार से चर्चा कर ऐसा कोई रास्ता निकाले। रविवार को इंदौर में हुई सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय बैठक में यह मांग प्रमुख रूप से उठाई गई।
होटल ग्रेंड भगवती में हुई बैठक में देशभर से आए 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने समाज के हित के लिए प्रस्ताव रखें। प्रदेशाध्यक्ष शंकर लालवानी और इंदौर के अध्यक्ष राजा मांधवानी ने बताया, बैठक में मुख्य रूप से काउंसिल के फाउंडर प्रेसीडेंट सुरेश केसवानी, प्रेसीडेंट मोहनलाल उधानी, पास्ट प्रेसीडेंट परमानंद खट्टर के आतिथ्य में बैठक का शुभारंभ सुबह 11 बजे हुआ। बैठक में 12 राज्यो से अलग अलग शहरों से प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में सिंधी कल्याण बोर्ड की मांग, सिंधी समाज के लिए दिल्ली में भवन देने, राष्ट्रीय चैनल पर सिंधी कार्यक्रमों के प्रसारण, पाकिस्तान से आ रहे सिंधी समाजजनों की नागरिकता प्रकिया सरल करने, आराध्य इष्टदेव भगवान झूलेलाल का देश में भव्य मंदिर बनाने, पाकिस्तान में सिंधियों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की मांग केंद्र सरकार से करने के निर्णय हुए। युवा शाखा के अध्यक्ष विशाल गिदवानी और दिलीप ने बताया, आयोजन में अतिथियों को इंदौर की शान राजबाड़ा के स्मृति चिह्न दिए। संचालन कमल आहूजा और आभार नानक डावानी ने माना।

देर रात तक सिंधी गानों परझूमे
काउंसिल के महासचिव कमल आहूजा और महिला शाखा की अध्यक्ष सोना कस्तूरी ने बताया, बैठक के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत झूलेलाल के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुई। सुप्रसिद्ध सिंधी गायिका काजल चंदीरमानी और जूनियर सिंधु आइडियल अभय आहूजा की संगीत निशा के साथ शहर में पहली बार सिंधी संस्कृति को दर्शाने वाले फैशन शो का आयोजन हुआ। इसमें शहर के सिंधी समाज के छोटे
बच्चों से लेकर युवा, महिला व बुजुर्गों ने सिंधी संस्कृति की वेशभूषा को दर्शाया।

कालानी की प्रतिमा लगी
काउंसिल 20 वर्षों से समाज हित में काम कर रही है। हमारे प्रयासों से ही संसद में हेमू कालानी की प्रतिमा लगी। हमारी मांग है भारतीय नागरिकता का काम सरल हो।
परमानंद खट्टर, पूर्व अध्यक्ष

समाज को मिले प्रतिनिधित्व
सिंधी समाज देश में भले ही सिर्फ 1 फीसदी हो पर हमारी ताकत 10 फीसदी से अधिक है। विदेश में कुल आबादी के 30 फीसदी लोग रहते है और हमने कई लोगों को रोजगार भी दिया है। कोई भी पार्टी हमें प्रतिनिधित्व नहीं दे रही है।
सुरेश केसवानी, पूर्व सांसद

जमीन का मिले मालिकाना हक
विभाजन के वक्त विस्थापितों को जमीन तो दी गई पर उन्हें जमीन का मालिक आज तक नहीं बनाया। वैसे महाराष्ट्र सरकार ने इसकी शुरुआत की है। ऐसा सभी प्रदेशों में होना चाहिए।
डॉ. विक्की रघुवानी, महाराष्ट्र प्रेसीडेंट

बंटवारे के समय का पैसा मिले
विभाजन के समय जो लोग पाकिस्तान से आए थे, उस समय जमा फंड आज तक नहीं दिया और लैप्स हो गया। समाज विकास के लिए इसे सरकार से जारी कराने पर चर्चा की जाएगी।
मोहन लदानी, राष्ट्रीय अध्यक्ष



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