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Thursday, January 10, 2019

दशकों बाद टूटी विधानसभा की परंपरा, कमलनाथ की धर्मपुत्री बनी उपाध्यक्ष: भाजपा का हंगामा

भोपाल. कांग्रेस विधायक हिना कांवरे मध्यप्रदेश विधानसभा की उपाध्यक्ष नियुक्त की गई हैं। हिना कांवरे के उपाध्यक्ष नियुक्त होते ही मध्यप्रदेश विधान सभा की तीन दशक पुरानी परंपरा टूट गई। इस बार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष के खाते में चला गया। इससे पहले ऐसी परंपरा थी कि विधानसभा अध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष के पास रहता था और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के पास रहता था। भाजपा की तरफ से वरिष्ठ विधायक जगदीश देवड़ा ने उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। बता दें कि हिना कांवरे मुख्यमंत्री कमलनाथ की धर्मपुत्री हैं। हिना बालाघाट जिले की लांजी विधानसभा से विधायक हैं।

विपक्ष ने किया हंगामा
विपक्ष के भारी हंगामे और आपत्ति के बीच कांग्रेस की हिना कांवरे उपाध्यक्ष चुन ली गयीं है। सदन की चौथे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा कर दिया था। सदन की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई तो फौरन ही अध्यक्ष ने 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। विपक्ष ने आसंदी पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कांग्रेस की हिना कांवरे को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव के विरोध में ज़ोरदार हंगामा शुरू कर दिया। हिना कांवरे का अकेले नाम पढ़े जाने पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीता शरण शर्मा ने आपत्ति जताई। विपक्ष डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर वोटिंग न कराए जाने से खफा था। उसने स्पीकर पर पक्षपात के आरोप लगाए।


मैं बलि का बकरा नहीं : देवड़ा

जगदीश देवड़ा ने कहा- पार्टी ने निर्णय लिया है कि मैं उपाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनूं, इसलिए नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस के पास संख्या बल ज्यादा है, लेकिन मैं अपनी उम्मीदवारी को बलि का बकरा नहीं मानता। संगठन के आदेश का पालन करना ही कर्तव्य है। पार्टी मुझे समय-समय पर मान-सम्मान देती रही है।

कमलनाथ की धर्मपुत्री हैं हिना
हिना कांवरे के पिता लिखी राम कावरे कांग्रेस सरकार में गृहमंत्री थे। 1999 में नक्सली हमले में उनकी मौत हो गई थी, तब कमलनाथ ने हिना कांवरे से कहा था कि अब वे उनके पिता हैं।



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