बॉलीवुड अभिनेता कादर खान के निधन के 2 दिन बाद उनके बेटे ने बॉलीवुड की बेरूखी और उपेक्षा पर सवाल उठाए हैं। कादर खान के बेटे सरफराज का कहना है कि उनके पिता के इंतकाल के बाद भी बॉलीवुड के बहुत से लोगों ने फोन करने तक की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने कहा,'भारतीय फिल्म जगत का तरीका ही यही बन गया है। यह कई कैंपों और वफादारों में बंट गया है। यहां बाहरी होने की सोचवाले लोग मदद नहीं कर सकते।'
बॉलीवुड के बहुत से लोगों के करीब थे कादर खान:
बेटे सरफराज का कहना है कि उनके पिता ने बॉलीवुड में बहुत योगदान दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि फिल्म जगत में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो कादर खान के काफी करीब रहे। सरफराज ने कहा कि जब उनके पिता बॉलीवुड में सक्रिय नहीं रहे तो लोगों ने उन्हें भुला दिया। यहां तक की फिल्म जगत के बहुत से लोगों ने तो फोन तक नहीं किया।
अंत समय तक इनको याद करते रहे कादर खान:
सरफराज ने कहा, 'एक शख्स, जिन्हें मेरे पिता बहुत पसंद करते थे, वह हैं बच्चन साहब (अमिताभ बच्चन)। मैं अपने पिता से पूछता था कि वह फिल्म जगत में सबसे ज्यादा किसे याद करते हैं तो वह सीधा जवाब देते थे बच्चन साहब। और मैं जानता हूं कि वह प्यार आपसी था।' भावुक बेटे ने कहा,'मैं चाहता था कि बच्चन साहब को पता चले कि मेरे पिता उनसे अंत तक बात करने के बारे में बात किया करते थे।'
गोविंदा पर किया कटाक्ष:
बता दें कि कादर खान ने गोविंदा के साथ बहुत सी फिल्मों में काम किया। दर्शकों को इनती जोड़ी काफी पसंद आती थी। जब कादर खान का देहांत हुआ तो गोविंदा ने कहा कि कादर खान उनके पिता समान हैं। इस पर कादर खान के बेटे ने कटाक्ष करते हुए कहा,'कृपया गोविंदा से पूछिए कि उन्होंने कितनी बार अपने पिता समान व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में पूछा। क्या उन्होंने मेरे पिता के गुजरने के बाद एक बार भी फोन करने की जहमत उठाई?'
जब मेरे पिता गुजरे तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी:
सरफराज ने कहा,'किस्मत से, मेरे पिता के पास तीन बेटे थे, जो उनकी देखभाल कर सकते थे। कादर खान के प्रशंसक यह जानकर खुश होंगे कि वे जिन्हें प्यार करते थे उनके बीच ही गुजरे। उन्होंने कहा,'मेरे पिता जब गुजरे, तब उनके चेहरे पर मुस्कान थी। दुनिया में किसी और चीज से ज्यादा वो हंसी मैं संजोकर रखना चाहता हूं। मेरे पिता के आखिरी कुछ साल उनके लिए बहुत दर्द भरे थे।'
फिल्म जगत को उन्हें भूलने नहीं देंगे:
सरफराज ने आगे कहा,'मेरे पिता ने हिंदी सिनेमा में बहुत योगदान दिया है। हम उनकी याद को एक पर्याप्त और प्रासंगिक तरीके से सम्मानित करने का इरादा रखते हैं। इस वक्त हम उनके जाने के गम में हैं, लेकिन मैं दुनिया भर के उनके प्रशंसकों को आश्वस्त कर सकता हूं कि हम फिल्म जगत को उन्हें भूलने नहीं देंगे।
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