नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आधारित फिल्म ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ रिलीज होने से पहले जमकर विवादों में है। फिल्म का ट्रेलर जारी होने के बाद मजा घमासान अब अदालत की दहजील तक पहुंच चुका है। बिहार के मुजफ्फपुर जिले की एक अदालत में अभिनेता अनुपम खेर और अन्य के खिलाफ याचिका दायर की गई है। जिसमें खेर पर पूर्व प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने का आरोप लगा है।
8 जनवरी को याचिका पर सुनवाई
मुजफ्फपुर के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में फिल्म में शामिल लोगों के खिलाफ शिकायत की है। जिसमें अभिनेता अनुपम खेर के अलावा फिल्म के निर्देशक और निर्माता शामिल हैं। मामले की सुनवाई अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में 8 जनवरी 2019 को होगी। ओझा ने याचिका में दावा किया है कि इस फिल्म में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और उनके तत्कालीन मीडिया सलाहकार संजय बारू की भूमिका निभाने वाले अनुपम खेर एवं अक्षय खन्ना के अभिनय से सिंह और बारू की छवि धूमिल हुई है। उन्होंने कहा कि फिल्म में यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की प्रतिष्ठा को भी आघात पहुंचाया गया है।
सिनेमा-राजनीति को अलग नहीं कर सकते: अनुमप
वहीं दूसरी ओर अनुपम खेर का कहना है कि सिनेमा और राजनीति को अलग-अलग नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक-दूसरे का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि जब दर्शक किसी फिल्म को थिएटर में देखने जाते हैं तो वह नियमित सिनेमा जाने वाले या फिल्म प्रेमी होते हैं। वे बतौर मतदाता हॉल में प्रवेश नहीं करते। लेकिन हां, जब वह बाहर आएंगे तो फिल्म जरूर उनके दिमाग में होगी। लेकिन तब तक सिनेमा और राजनीति को अलग-अलग नहीं किया जा सकता क्योंकि दोनों एक दूसरे का प्रतिबिंब है। इससे पहले खेर ने कहा कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है। कोई तीसरी भी ताकत अब इस फिल्म को रोक नहीं सकती है।
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