भोपाल. कांग्रेस के एक दर्जन हारे हुए विधायक और सांसद लोकसभा चुनाव के टिकट की जुगत लगा रहे हैं। इनमें से कुछ दिग्गजों का चुनाव लडऩा तय है। कई नेता अपने क्षत्रपों के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंच चुके हैं। पार्टी इनकी दावेदारी के दम का आकलन कर रही है।
विधानसभा चुनाव में शिकस्त का सामना करने वाले अजय सिंह, रामनिवास रावत और राजेंद्र सिंह का चुनाव लडऩा लगभग तय माना जा रहा है। पिछला लोकसभा चुनाव हारने वालों में मीनाक्षी नटराजन का चुनाव लडऩा लगभग तय है। मीनाक्षी पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की कोर टीम में शामिल रही हैं। अजय शाह और अशोक सिंह टिकट को मिलना लगभग तय है।
ये हारे नेता मझधार में
पूर्व में विधानसभा चुनाव हारने वाले कुछ विधायकों की लोकसभा चुनाव का टिकट की उम्मीद मझधार में हैं। इनमें निशंक जैन, मुकेश नायक, रजनीश सिंह, सत्यनारायण पटेल, आरके दोगने आदि शामिल हैं। 2018 में हारे सुरेश पचौरी भी दावेदार हैं। लोकसभा चुनाव हारे राजा पटेरिया कतार में हैं।
ये रहेगा फॉर्मूला
टिकट वितरण पर सर्वे और बड़े नेताओं की एकराय का फॉर्मूला असर डालेगा। कमलनाथ भी अहम भूमिका निभाएंगे। कमलनाथ ने निजी एजेंसी से सर्वे कराया है। पर्चियों के जरिए भी दावेदारों से नाम लेकर समीक्षा की है। राहुल कार्यालय भी सर्वे करवा रहा है, जो प्रमुख सीटों पर टिकट तय करने में अहम भूमिका निभाएग। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सिफारिश का भी महत्व रहेगा।
चेहरे के संकट में युवाओं को मौका
कांग्रेस के सामने कुछ लोकसभा सीटों के लिए चेहरों का संकट भी है। इस कारण युवाओं को ज्यादा मौका मिल सकता है। दरअसल, लोकसभा सीट के लिए मजबूत माने जाने वाले कई नेता विधायक और मंत्री बन चुके हैं। छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ अब मुख्यमंत्री हैं। उनके स्थान पर उनके बेटे नकुलनाथ को टिकट मिलना तय माना जा रहा है। वहीं, विजय लक्ष्मी साधौ, लक्ष्मण सिंह, कमलेश्वर पटेल, गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, गोविंद सिंह, पीसी शर्मा और उमंग सिंघार भी कमलनाथ सरकार में हैं।
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