नई दिल्ली। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नौ ग्रह होते हैं इसलिए जब भी ग्रह शांति का पूजन किया जाता है कि तो सभी नौ ग्रहों की पूजा होती है जिसे नव ग्रह पूजन कहते हैं। नौ ग्रह में सबसे अधिक शनि, राहु और केतु ग्रह क्रूर माने जाते हैं जिनका अशुभ प्रभाव अधिक नुकसान पहुँचाता है। अगर शनि ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ता है तो आपकी कुंडली के शुभ योग भी निष्फल हो जाते हैं।
1.अगर आपकी कुंडली में शनि का दोष होता है तो इसके कारण आपको शनि की साढ़ेसाती और ढैया का सामना करना पड़ सकता है।
2.शनि दोष जिस भी व्यक्ति की कुंड़ली में एक बार आ जाए तो उसका आसानी से निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है जिससे व्यक्ति को लंबे समय इसका प्रभाव झेलना पड़ता है।
3.शनि दोष के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं से निजात पाने के लिए आपको सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से फायदा मिलता है।
4.शनि ग्रह के दोष को खत्म करने के लिए भगवान शंकर की पूजा करनी लाभकारी बताई गई है जिसका वर्णन शिवपुराण में भी किया गया है।
5.शिवपुराण में कहा गया है कि शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने से आपकी कुंडली का शनि दोष जल्दी ही समाप्त होता है और शनि देव एवं भगवान शिव की कृपा मिलती है।
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6.शनि दोष से मुक्त होने के लिए एक और लाभकारी उपाय बताया गया है कि शिवलिंग पर शमी के पेड़ के पत्ते अर्पण करने से शनि दोष का निवारण होता है।
7.इसी के साथ अगर आप अपने घर के आंगन में या जहां भी संभव हो शमी का पेड़ लगाते हैं तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है।
8.भगवान शंकर की शमी के पत्ते चढ़ाने से आप शनि दोष से तो मुक्ति होती ही है साथ ही आपको भगवान शंकर की कृपा भी प्राप्त होती है जिसके परिणाम स्वरूप धन संबंधी लाभ मिलते हैं।
9.शिव पूजा करते समय भगवान को शमी के पत्ते और बिल्वपत्र के साथ ही अक्षत, जनेऊ और मिठाई चढ़ाने से भी लाभकारी होता है।
10.भगवान शंकर की धूप, दीप और कपूर से आरती करें। यह उपाय जल्दी ही आपके जीवन के दुर्भाग्य का अंत करेगा और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
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