इंदौर. सफाई में इंदौर नंबर वन तो हो गया, लेकिन निगम में अब कचरे पर राजनीति शुरू हो गई। आज सुबह मीडिया से चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम शेख ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत हुए कामों में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। नंबर वन लाने के नाम पर निगम ने किस तरह करोड़ों रुपए बर्बाद किए, इसका हिसाब-किताब बताया।
फौजिया ने नंबर वन आने में शहर की जनता, स्वास्थ्य विभाग के सफाई मित्रों, निगमायुक्त आशीष सिंह और अन्य निगम अफसरों का योगदान तो स्वीकारा, लेकिन महापौर मालिनी गौड़ की कोई भूमिका नहीं होने की बात कही। वहीं 2017 और 2018 में लगातार दो बार नंबर वन आने पर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा सफाई मित्रों को कोई पुरुस्कार राशि नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाते हुए तीसरी बार नंबर वन आने पर मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा सफाईकर्मियों को 5-5 हजार रुपए का इनाम देने का गुणगान किया। साथ ही रीवा और उज्जैन नगर निगम में वर्ष 2019-20 का बजट पास होने की बात कहते हुए इंदौर नगर निगम में समय रहते बजट पेश न करने पर भाजपा परिषद को घेरा।
ट्रेचिंग ग्राउंड पर हुआ भ्रष्टाचार
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरा हटाकर उद्यान बनाने का नाम पर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने का आरोप अलीम ने लगाया। कचरा स्टेशन एवं शौचालय बनाने में कई अनियमितताएं होने की बात भी कही। कर्मचारियों को स्मार्ट वॉच पहनाने में गड़बड़ी सहित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर केप्सूल से कचरा डंप करने का ठेका देने पर सावल खड़ा किया कि ठेकेदार कंपनी को डीजल-पेट्रोल निगम क्यों दे रहा है? कान्ह-सरस्वती नदी में सीवर के पानी को रोकने के लिए हो रही नाला टेपिंग और ड्रेनेज की पाइप लाइन के काम पर भी सवाल खड़े किए।
जांच कर करो कार्रवाई
नेता प्रतिपक्ष अलीम ने मांग की है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में निगम के जिन अफसरों, कंसल्टेंट और एनजीओ के लोगों ने गड़बड़ी की है, उनकी जांच कर कार्रवाई की जाना चाहिए।
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