इंदौर। पीपल्याहाना में नई जिला कोर्ट बनाने का विरोध जारी है। अभिभाषक संघर्ष समिति ने अब नई कोर्ट के लिए पोत्दार प्लाजा गांधी हॉल प्रागंण के पीछे की जमीन लेने का प्रस्ताव रखा। ३९ वर्ष पूर्व आईडीए व मिल मालिक के बीच हुए समझौते का हवाला दिया गया कि मिल मालिक से बात हो गई है वे दूसरी जगह दिए जाने पर कब्जा छोडऩे के लिए राजी हैं। वकीलों ने मामले को सुलझाने के लिए जनप्रतिनिधियों को आगे आने को कहा।
दो दिन पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह से वकीलों का प्रतिनिधि मंडल मिलने पहुंचा था। नए कोर्ट भवन को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। उससे पहले पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी अफसरों व वकीलों की बैठक ले चुके हैं। अभिभाषक संघर्ष समिति ने मौजूदा जगह पर ही कोर्ट संचालित करने के लिए विकल्प का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। उसे वे संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी और शहर के जनप्रतिनिधियों से मिलकर पहल करने का आग्रह कर रहे हैं।
समिति के प्रमोद द्विवेदी के मुताबिक 6 दिसंबर 1980 को स्थानीय शासन व पर्यावरण मंत्री रहे सुरेश सेठ ने भोपाल स्थित सचिवालय में बैठक बुलाई थी। उमसें विभागीय अफसरों के अलावा होप टेक्सटाइल लिमिटेड के डायरेक्टर विमल पोत्दार भी मौजूद थे, जिनके बीच एक समझौता हुआ था। तय हुआ था कि २२ एकड़ में से ८ एकड़ जमीन आईडीए को दी जाए। बकायदा उसका आधिपत्य भी सौंपा गया।
समझौते के आधार पर संभागीय अध्यक्ष आकाश त्रिपाठी प्राधिकरण के प्रभारी अध्यक्ष भी हैं। वे जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर यहां कोर्ट भवन बनाने की पहल कर सकते हैं। जब पीपल्याहाना में जलाशय की जमीन का भूमि उपयोग बदला जा सकता है तो मिल की जमीन का उपयोग क्यों नहीं बदला जा सकता।
मिल मालिक से हुई बात
संघर्ष समिति के सदस्य होप मिल के मालिकों से मिले। द्विवेदी के अनुसार १४ एकड़ जमीन के बदले उन्हें अन्य स्थान पर जमीन दे दी जाए तो वे राजी हैं। ऐसा होने पर कोर्ट के पीछे ही नए भवन का रास्ता साफ हो जाएगा। शुरु में पार्किंग व वकीलों को शिफ्ट कर दिया जाए। धीरे-धीरे जगह कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बदल जाएगी। यहां कोर्ट बनाकर ११०० करोड़ की बचत होगी।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2J8kCWB
No comments:
Post a Comment