इंदौर. करीब 8 साल पहले मां ने दो साल के मासूम बेटे को उसकी सौतेली नानी को सौंप दिया था। नानी उससे हरिसिद्धि मंदिर के पास भिक्षावृत्ति करा रही थी। मां ने बच्चे की हालत देखी तो पुलिस को सूचना दी, पुलिस बच्चे को थाने लाई तो उसने मां के साथ जाने से इनकार कर दिया। फिलहाल उसे राजकीय आश्रम में रखा गया है।
हरसिद्धि मंदिर के पास महिला के साथ घूम रहे 10 साल के मासूम बच्चे को पंढरीनाथ थाने के जवान लेकर आए। इलाके में रहने वाली कमला (परिवर्तित नाम) नामक महिला ने पुलिस से शिकायत की थी कि बालक उसका बेटा है और रिश्तेदार महिला उससे भिक्षावृत्ति करा रही है। इस पर पुलिस बच्चे को थाने लेकर आई। वहां कमला भी अपने पति के साथ मौजूद थी। सूचना मिलने पर चाइल्ड लाइन की टीम भी थाने पहुंच गई। चाइल्ड लाइन के जितेंद्र परमार ने बच्चे से बात की। कमला बाई का कहना था कि उसने अपनी सौतेली मां को करीब 8 साल पहले बेटा सौंपा था। उस समय बेटे की उम्र 2 साल की थी। दरअसल कमला ने भी दूसरी शादी कर ली थी और पहले पति की संतान बेटे को पालन पोषण के लिए उसकी सौतेली नानी को सौंपा और खुद दूसरे पति के साथ रहने लगी थी। हाल ही में उसे पता चला कि सौतेली नानी बच्चे से भिक्षावृत्ति करा रही है।
बच्चा बेचने का काम करती है महिला!
थाने में कमला बाई बालक पर दावा कर साथ ले जाने का प्रयास कर रही थी वहीं बालक अपनी नानी के साथ ही जाने के लिए कह रहा था। इस बीच नानी को लेकर पुलिस को पता चला कि वह बच्चा बेचने के काम में पहली कहीं पुलिस कार्रवाई में फंस चुकी है, ऐसे में बच्चा उसे सौंंपना भी ठीक नहीं है। चाइल्ड लाइन ने इस पर बालक को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जहां से उसे राजकीय आश्रम भेजा गया। जो महिला बालक के उसका बेटा होने का दावा कर रही थी उसके पास किसी तरह का सबूत नहीं था। अब चाइल्ड लाइन बच्ची का काउंसलिग कर जानकारी हासिल करेगी।
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