इंदौर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता की सुविधा के लिए 23 जून 2018 को अपनी इंदौर यात्रा के दौरान प्रदेश में सूत्र सेवा बस की शुरुआत की थी। जोर शोर से शुरू की गई इस सेवा के तहत सरकार द्वारा खरीदी गई 60 से अधिक बसें अब तक यार्ड में ही खड़ी हैं। परमिट नहीं मिलने से इन्हें सडक़ों पर नहीं उतारा जा सका। खुद प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई इस योजना की दुर्गति के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई।
Patrika .com/upload/2019/02/26/high_court_order_4266655-m.jpg">जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की युगल पीठ ने याचिका पर परिवहन विभाग सहित अन्य जिम्मेदारों को आदेश दिए हैं कि वे एक सप्ताह के भीतर बसों के परमिट जारी करने की प्रक्रिया शुरू करें। एक तरफ जहां नई बसों के परमिट जारी करने की मांग की गई है वहीं सोमवार को सुनवाई के दौरान कुछ बस ऑपरेटरों ने नई बसों का परमिट जारी नहीं करने को लेकर इंटरवीनर आवेदन पेश किया है। उनके आवेदन पर परिवहन विभाग द्वारा अगली तारीख पर सुनवाई होगी। कोर्ट ने 20 मार्च को अगली सुनवाई के आदेश दिए हैं। याचिका में परिवहन विभाग और निजी बस ऑपरेटरों के गठजोड़ के कारण सूत्र सेवा बसों को जानबूझ कर परमिट नहीं दिए जाने का भी आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, कलेक्टर इंदौर सहित एआईसीटीएसएल के चेयरमैन को भी नोटिस जारी किए हैं। कांग्रेस नेता रघु परमार ने एडवोकेट जीपी सिंह के माध्यम से यह याचिका दायर की है। उनका कहना है करीब 25 करोड़ रुपए कीमत की 60 से अधिक बसें एआईसीटीएसएल के यार्ड में खड़ी धूल खा रही हैं। याचिका में जिम्मेदार अफसरों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
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