इंदौर। बार काउंसिल ऑफ मध्यप्रदेश ने इंदौर के एक वकील की सनद मधुर कोरियर के माध्यम से उसके घर भेजी। कोरियर बॉय ने डाक अपने घर रख ली और उसे डिलीवर्ड बता दिया। जब वकील ने ऑनलाइन चेक किया तो मामले का खुलासा हुआ और सनद कोरियर ब्वॉय के घर मिली। अब बार काउंसिल को शिकायत की जा रही है कि आगे से मध्ुार कोरियर को इस तरह के महत्वपूर्ण दस्तावेज न दिए जाएं और रजिस्टर्ड डाक से ही इन्हें भेजा वहीं इस लापरवाही पर कोरियर कंपनी पर कार्रवाई की जाए।
वकील चंचल गुप्ता ने बताया कि उनकी सनद लंबे समय तक नहीं आई तो बार काउंसिल से रेफरेंस नंबर लिया। उसे ट्रेक करना शुरू किया तो मधुर कोरियर की साकेत नगर ब्रांच से २३ फरवरी को डाक डिलीवरी के लिए निकलना बताया। जब वहां गए तो कहा गया कि डाक डिलेवर्ड हो गई है। शीट पर उनके नाम के आगे हस्ताक्षर भी थे। जब बताया कि उन्हें नहीं मिली तो पहले मना कर दिया कि हमने तो भेज दी। जब विरोध दर्ज कराया तो कहा शाम तक आना। जब कंपनी के अधिकारियों से बात करवाने की बात कही तो उन्होंने डिलीवरी बॉय को बुलवाया। वह पहले कहने लगा की उसने किसी और चंचल गुप्ता को दे दी। जब पूछा कि कहां दी है, उसका घर दिखाओ, साथ चलते हैं। तब पिपलियाहाना स्थित अपने घर ले गया और डाक देते हुए बोला कि कई बार घर पर छूट जाती है। एडवोकेट गुप्ता ने डाक नहीं ली और नियमानुसार भेजने को कहा।
कंपनी बचा रही डिलीवरी बॉय को
डाक नियमानुसार भेजते हुए ब्रांच के फ्रेंचाईजी ऑपरेटर शिरीश जैन ने लेटर लिखकर माफी मांगी, लेकिन कोरियर बॉय को बचा लिया। उन्होंने लेटर में लिखा कि आपकी डाक देने में हम लेट हो गए। हमारे डिलीवरी बॉय ने इसे डिलीवर्ड दिखा दिया, यह उसकी गंभीर लापरवाही है। हम इसके लिए माफी चाहते हैं। मामले में जैन ने कहा कि डिलीवरी बॉय ने पहले कहीं और दे दी थी। बाद में सही पते पर देने के लिए अपने घर रख ली। डाक एडवोकेट चंचल गुप्ता को दे दी। गलती हुई हम मानते हैं।
मधुर कोरियर को करो बैन
एडवोकेट गुप्ता का कहना है कि यह गंभीर लापरवाही है। बार काउंसिल ऑफ एमपी के पदाधिकारियों को इसकी शिकायत कर रहे हैं। मांग करेंगे की सनद जैसा महत्वपूर्ण दस्तावेज रजिस्टर्ड डाक से ही भेजा जाए। मधुर कोरियर से काउंसिल का अनुबंध निरस्त कर इनके यहां से भेजी गई डाकों की जांच करवाई जाए।
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