इंदौर। चुनाव में पैसे का उपयोग को खत्म करने के लिए निर्वाचन आयोग ने कायदे-कानून बनाए हैं, जिनका विधानसभा चुनाव में सख्ती से किया गया। इस फेर में कई बार निर्दोष भी उलझ जाते हैं। ऐसे ही एक शख्स को चार माह बाद अपनी राशि मिलने जा रही है, जिसको लेकर रिटर्निंग ऑफिसर ने आदेश जारी किया।
विधानसभा चुनाव में करीब दो दर्जन से अधिक लोगों से अलग-अलग उडऩदस्तों ने सोना-चांदी और नकद राशि जब्त की थी। उसमें से एक प्रकरण पीपल्याराव निवासी गौरव तराणेकर का भी है। वे
२३ अक्टूबर २०१८ को वाहन एमपी ०९ सीयू २७८८ से जा रहे थे। नवरतन बाग में जांच के दौरान उडऩदस्ते ने गौरव के पास से एक लाख २२ हजार रुपए नकद जप्त किए। जबकि उसका कहना था कि वह ये पैसा ठेकेदार को देने जा रहा था।
दस्ते में मौजूद पुलिस के अफसरों ने एक नहीं सुनी। राशि को जप्त कर थाने में रख लिया गया। गौरव ने पैसे वापसी के लिए जिला प्रशासन की बनी कमेटी में अपील कर सच्चाई बता दी। इस पर जिला पंचायत सीईओ नेहा मीणा के नेतृत्व वाली कमेटी ने आखिर में पाया कि गौरव गैर राजनीतिक व्यक्ति है और चुनाव से उसका कोई लेना-देना नहीं है। न ही राशि को चुनाव में खर्च करने जा रहा था। इस पर राशि को मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया।
ये आदेश नवंबर में हो गया था, लेकिन अब तक पैसे उसे नहीं मिले। पिछले दिनों गौरव आदेश की कॉपी लेकर पांच नंबर विधानसभा के रिटर्निंग ऑफिसर राकेश शर्मा के पास पहुंचे तो वे चौंक गए। पैसा नहीं मिलने पर आश्चर्य किया और तुरत-फुरत संयोगितागंज थाना प्रभारी को एक पत्र लिखा। साफ कर दिया कि वे गौरव की जप्त राशि को तुरंत वापस लौटाएं। राशि सौंपकर दो दिन में रिटर्निंग ऑफिसर की अदालत में प्रतिवेदन पेश करें।
भटक रहे हैं कई कई पीडि़त
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कई लोगों की राशि को जप्त किया गया। उस दौरान दबाव-प्रभाव और चक्कर लगाकर अधिकांश लोगों ने राशि वापस भी ले ली है, लेकिन कई छूट भी गए हैं जो अब भी परेशान हो रहे हैं। विभागों के फेर में वे इधर-उधर हो रहे हैं। हालांकि अफसरों का कहना है कि प्रकरण दर्ज होने की वजह से आसानी से पैसा लौटाया नहीं जा सकता।
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