इंदौर. वाणिज्यिकर विभाग एंटी इवेजन विंग की 60 सदस्यीय टीम ने बुधवार को शहर के विभिन्न बाजारों में छापामार कार्रवाई की। अफसरों ने 12 व 18 प्रतिशत जीएसटी की दरों वाली वस्तुओं का कारोबार कर रहे व्यापारियों के यहां छापे मारे। कई जगह 10 लाख का माल बेचकर सिर्फ 5 लाख पर जीएसटी चुकाने के मामले सामने आए।
विंग ने इलेक्ट्रिक कॉपर वायर, इंसुलेटेड केबल व इलेक्ट्रिक कंडक्टर के कारोबारियों के यहां छापे मारे। बताया जा रहा है, यह वास्तविक व्यापारियों द्वारा की जा रही कारस्तानी है, जिस पर विभाग की कई महीनों से नजर थी। इसमें लाखों रुपए की कर चोरी सामने आएगी। दरअसल, जीएसटी लागू होने का दूसरा साल समाप्त होने वाला है। कर राजस्व में बहुत अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हो रही है। व्यापारी अनेक तौर-तरीकों से कर बचाने की जुगत लगा रहे हैं। राज्य कर आयुक्त डीपी आहूजा ने बताया, हमारा जोर कारोबारियों पर है। जितना कारोबारी कर रहे हैं, उतना जीएसटी तो लेना होगा। बुधवार को मुकेश इलेक्ट्रिकल्स, दीपक इलेक्ट्रिक कॉर्पोरेशन, रैनी इंटरप्राइजेस, पगारिया पाइप्स व केबल्स, कान्हा इंटरप्राइजेस, निर्मला वायर्स, एमएसवी, के छोटी ग्वालटोली, न्यू सियागंज, लोहा मंडी व गुमाश्ता नगर ठिकानों पर कार्रवाई की गई। दुकान, फैक्ट्री, गोदाम की जांच कर लूज पेपर्स, पर्चियां, डायरियां जब्त की। विभाग द्वारा सीधे बाजार में छापामार कार्रवाई का पहला मौका है।
वास्तविक कर राशि नहीं दे रहे
विंग प्रभारी आरके शर्मा के अनुसार, अनेक व्यापारी लोगों से तो जीएसटी वसूल लेते हैं, मगर विभाग को रिटर्न भरते समय कारस्तानी करते हैं। इसे अतिरिक्त कमाई के रूप में देखा जाता है। कई व्यापारी जीएसटी कानूनों के लूप ***** का उपयोग कर रहे हैं। वहीं समान तरह की वस्तुओं के एचएसएन कोड की गड़बडि़यों का फायदा ले रहे हैं। केबल में कुछ विसंगतियां हैं, जिससे वसूल अधिक रहे हैं, कर कम चुका रहे हैं। विभाग के जीएसटीएन पर रजिस्टर्ड फर्म का सारा डाटा है, जिससे अफसर विशेष फर्म के ट्रांजेक्शन को ट्रेस कर रहे हैं। इसी को आधार बनाकर कार्रवाई की गई।
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