नई दिल्ली। 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंध खराब हो गए हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा भी छीन लिया गया था। पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत के कारोबारियों ने एक प्लान भी बनाया था और कई ट्रेडर्स और किसानों ने पाकिस्तान को माल सप्लाई करना बंद कर दिया था। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में महंगाई अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई। भारत में जहां टमाटर 10 रुपए प्रति किलो मिल रहा था वहीं पाकिस्तान में टमाटर का भाव आसमान छू रहा था और वहां टमाटर का भाव 180 रुपए प्रति किलो हो गया था।
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पाकिस्तान में टमाटर सप्लाई शुरू
बता दें कि पिछले एक महीने से भारत की ओर से पाकिस्तान में टमाटर नहीं भेजा जा रहा था। लेकिन अब पड़ोसी मुल्क में टमाटर की सप्लाई फिर शुरू हो गई है। फिलहाल सिर्फ श्रीनगर-मुजफ्फराबाद मार्ग से ही माल जा रहा है और आम रूट अब भी बंद हैं। हालांकि वर्तमान में सप्लाई का खर्च दो से चार गुना तक बढ़ा है।
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सप्लाई का खर्च दो से चार गुना बढ़ा
इस संदर्भ में पाकिस्तान को टमाटर सप्लाई के सबसे बड़े केंद्र आजादपुर में टमाटर व्यापार संघ के प्रेजिडेंट अशोक कौशिक ने बताया कि, 'तनाव घटने के साथ सप्लाई शुरू हुई है, लेकिन ट्रेड के लिहाज से इसे नॉर्मल नहीं कहा जा सकता। अभी सिर्फ श्रीनगर-मुजफ्फराबाद मार्ग से ही रोजना 15 से 20 ट्रक माल जा रहा है, जबकि आम दिनों में पाकिस्तान को रोजाना 75 से 100 ट्रक सप्लाई होते हैं।' इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अटारी रूट से दिल्ली से पाकिस्तान की मंडियों तक माल पहुंचाने का आम खर्च 25,000 रुपए प्रति ट्रक होता है, जो श्रीनगर मार्ग से 50,000 से लेकर 1 लाख रुपए तक पहुंच गया है। कश्मीर में एंट्री पर अतिरिक्त चार्जेज हैं, लेकिन कई पॉइंट्स पर वसूली से यह खर्च और बढ़ जाता है।
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