भोपाल। प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल से शराब की नई नीति लागू करने की अनुमति भारत निर्वाचन आयोग से मांगी है।
आबकारी विभाग ने अनुमति के संबंध में सोमवार मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यायल में एक पत्र के साथ नीति की कापी भी दी है, जिसे सीईओ कार्यालय ने विशेष डाक से भारत निर्वाचन आयोग दिल्ली को भेज दिया गया है। शासन ने आयोग को नई शराब नीति पर रोक लगाने से होने वाले राजस्व हानि के संबंध में भी बताया है। पत्र में कहा गया है कि चूंकि शराब के ठेके 31 मार्च को समाप्त हो रहे हैं।
नीति में एक अप्रैल दुकानों के रेट पिछले साल से 20 प्रतिशत बढ़ाने के बाद ही उनका नवीनीकरण किए जाने का प्रस्ताव है। जो दुकाने बीस प्रतिशत रेट नहीं बढ़ाएंगी उनके ठेके निरस्त किए जाएंगे। इसके बाद उक्त दुकान की नीलामी नए सिरे से की जाएगी।
अगर उक्त दर के अनुसार ठेकेदार राशि देते हैं तो उनके दुकानों का नवीनीकरण किया जाएगा। इधर आयोग की अनुमति मिलने के पहले ही नीति का पहला भाग प्रदेश के सारे कलेक्टरों को भेज कर वर्तमान ठेकेदारों से फुटकर लायसेंस के नवीनीकरण के प्रस्ताव मांग लिए हैं। बताया जाता है कि कलेक्टरों को आबकारी नीति का जो पहला भाग नवीनीकरण के प्रस्ताव प्राप्त करने के लिए भेजा गया है, उसमें आबकारी ड्यूटी का कोई उल्लेख नहीं है। जबकि आबकारी ड्यूटी आबकार नीति का सबसे मुख्य भाग है। प्रदेश में कुल 3607 शराब की दुकानें हैं।
लीज नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, आदेश आयोग की अनुमति के बाद ही जारी की किए जाएंगे। आयोग से लीज नवीनीकरण, लाटरी, ऑक्शन के लिए अनुमति मांगी गई है।
रजनीश श्रीवास्तव, आबकारी आयुक्त
नई शराब नीति और ठेका नवीनीकरण के संबंध में अनुमति सरकार ने मांगी थी। जिसे भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया गया है। भारत निर्वाचन आयोग से एक-दो दिन के अंदर इस विषय में जवाब भी आ जाएगा।
अरुण कुमार तोमर, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी
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