विधायक माखन सिंह जाटव की हत्या के मामले में फरार पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर अदालत ने आर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश दिए है। राजनैतिक मामलों के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेश सिंह ने मंगलवार को यह आदेश दिए है। अदालत ने अर्जी खारिज कर आदेश में लिखा है कि संलग्न दस्तावेजों का सूक्षमता और सतर्कतापूर्वक अवलोकन करने से लाल सिंह आर्य की अपराध में संलिप्तता दर्शित होती है। ऐसे में आर्य की जमानत अर्जी खारिज की जाती है।
मामला हाल ही में भिण्ड अदालत से भोपाल जिला अदालत स्थानांतरित हुआ। पूर्व मे भी लाल सिंह आर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी था। आर्य की अग्रिम जमानत अर्जी पूर्व में भिण्ड अदालत और ग्वालियर हाई कोर्ट से खारिज हो चुकी है।
जिला अदालत में लाल सिंह आर्य की ओर से अग्रिम जमानत देने की मांग को लेकर दायर की गई अर्जी में बताया गया कि लाल सिंह आर्य अब मंत्री नही हैं। सत्ता में विरोधी दल हैं। ऐसे में आर्य के साक्ष्य को प्रभावित करने की संभावना नहीं है। वही सीबीआई की ओर से आपत्ति दर्ज कर बताया गया कि विधायक की हत्या के मामले में आर्य के खिलाफ संगीन आरोप हैं, ऐसे मे अर्जी खारिज की जाए।
यह है मामला
वर्ष 2009 के दौरान विधायक माखन सिंह जाटव की हत्या हो गई थी। पहले भिण्ड पुलिस ने और बाद में सीबीआई ने मामले में विवेचना की थी। दोनों ने लाल सिंह आर्य को आरोपी नही बनाया था। बाद में भिण्ड विशेष अदालत ने वर्ष 2017 में लाल सिंह आर्य को आरोपी बनाकर गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश दिए थे।
अदालत में शुरू हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही
जिला अदालत में अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गवाहों के बयान दर्ज कराने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस कडी में बुधवार को हत्या के एक मामले में जेल में बंद गवाह के मंगलवार को बयान दर्ज किए गए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही के लिए जिला अदालत में सभी कोर्ट रूम में एलईडी स्क्रीन और माइक की व्यवस्था की गई है।
अपर सत्र न्यायाधीश चन्द्र देव शर्मा की अदालत में मंगलवार को हत्या के एक मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गवाही हुई। अतिरिक्त लोक अभियोजक आनन्द तिवारी ने हत्या के प्रयास के एक मामले में दतिया जेल में बंद फरियादी हेमन्त तिवारी की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कराई। दतिया के जेल के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में खडे मामले के फरियादी हेमंत तिवारी से आनन्द तिवारी ने सवाल पूछे। इस दौरान हेमन्त तिवारी ने बताया कि वर्ष 2014 में वो पीपुल्स अस्पताल से गांधी नगर की ओर जा रहा था, रास्ते में तीन लोगों ने उस पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया था। गवाही के बाद दातिया जेल में फरियादी के बयान ई मेल पर भेजे गए। वहां हेमन्त तिवारी के हस्ताक्षर कराकर जिला अदालत में फैक्स पर हार्डकॉपी भेजी गई जिसे अदालत के रिकार्ड में संलग्न किया गया।
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