इंदौर. स्वच्छता में लगातार तीसरी बार नंबर वन का तमगा हासिल करने के लिए शहर में करोड़ों रुपए की राशि खर्च की गई, जिसका नगर निगम अफसरों के पास हिसाब-किताब नहीं है। करोड़ों रुपए की गड़बड़ी की गई, इसलिए अफसर सूचना के अधिकार में अनेक जानकारियां देने से मना कर देते हैं। अफ सर, कन्सल्टेंट और एनजीओ की गतिविधियों और मिलीभगत में की गई गड़बडि़यों की जांच करवाई जाए।
बुधवार को नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख अलीम ने मीडिया से चर्चा में उक्त आरोप लगाते हुए अनियमिततओं को लेकर अनेक सवाल उठाए। उन्होंने कहा, महापौर मालिनी गौड़ श्रेय की राजनीति कर रही हैं, जबकि इस महाअभियान में शहर के सभी लोगों का सहयोग मिला है। तीन सालों तक लगातार नंबर वन पर रहने के लिए सफाई कर्मियों ने मेहनत की और नागरिकों ने सहयोग दिया। दो साल से इन कर्मचारियों को मेहनत का इनाम नहीं दिया गया, जबकि कांग्रेस की सरकार ने बिना देर किए, सफाई कर्मियों को ५ हजार रुपए की पुरस्कार राशि देने की घोषणा कर दी।
उन्होंने कहा, यह कार्य बिना विपक्ष के संभव नहीं हो सकता है, जबकि महापौर मालिनी गौड़ रचनात्मक कार्यों में भी साथ लेकर चलाना नहीं चाहती है। ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरे से मिल रही धातुओं की छंटाई के नाम पर भी भ्रष्टाचार हो रहा है। अनेक स्थानों पर मनमाने तरीके से कचरा स्टेशन बना कर लाखों रुपए बर्बाद किए गए।
सूचना के अधिकार का पालन नहीं
फौजिया ने कहा अफसर मनमाने निर्णय ले रहे हैं। सूचना के अधिकार का भी पालन नहीं किया जाता है। आवेदकों को सूचना भी नहीं दी जाती है। निगम में प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों की सेवाएं मूल विभाग को जल्द दी जाएं।
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