इंदौर. खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी अशोक भट्ट पर आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज होने से आक्रोशित सर्व ब्राह्मण समाज ने बड़ी संंख्या में एकत्र होकर रविवार को खजराना गणेश को कमल का फूल चढ़ाया। भाजपा विधायक रमेश मेंदोला भी खजराना गणेश मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि पूजा में क्या सामग्री चढ़ेगी यह कलेक्टर या चुनाव आयोग तय नहीं करेगा। यह हमारा निजी आस्था का मामला है इसे न तो सुप्रीम कोर्ट रोक सकता है और न ही संसद रोक सकती है।
पुजारी के विरुद्ध प्रशासन की इस कार्रवाई का हंसदास मठ, परशुराम महासभा, अभा लवकुश साधु-संत सेवा समिति सहित विभिन्न संगठनों ने कड़ा विरोध करते हुए इसे जन आस्था के साथ ही धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात बताया है। शनिवार को बड़ा गणपति पीलियाखाल स्थित हंसदास मठ पर आयोजित बैठक में पं. पवन शर्मा, पं. वीरेंद्र शर्मा, महंत विजय रामदास, महंत अमित दास, रामकुमार शर्मा ने अपने विचार रखे। सभी का कहना था कि पुजारी का मुख्य काम मंदिर और भगवान की सेवा, पूजा आदि भगवत सेवा के होते हैं, न कि किसी चढ़ावे पर निगाह रखकर राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्न या पोस्टर आदि को चढ़ाने से रोकने का। किसी भक्त को चढ़ावे से रोकना उसकी आस्था के साथ ज्यादती होगी। प्रशासन की कार्रवाई से पूरे प्रदेश में पंडितों व पुजारियों में तीव्र आक्रोश है।
पुजारी मामले को राजनीति से न जोड़ें
श्रीगौड ब्राह्मण युवा परिषद और ब्राह्मण युवा मंच के कार्यकर्ताओं ने मंदिर परिसर पर मौन प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया। ब्राह्मण संघर्ष समिति ने एसडीएम को ज्ञापन देकर मामले में पुनर्विचार का आग्रह किया। परिषद के प्रदेशाध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने आह्वान किया कि यह मामला किसी पार्टी विशेष का न होकर सिर्फ ब्राह्मण समाज का ही है।
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