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Wednesday, July 31, 2019

राजधानी के इन क्षेत्रों में महिलाएं और यहां बच्चे असुरक्षित, छह माह में वारदात बढ़ी

भोपाल. राजधानी में महिलाओं के साथ बढ़ रही छेड़छाड़, वारदात और बच्चों के साथ हो ही कुत्ता काटने की घटना को लेकर 36 क्षेत्र संवेदनशील बने हुए हैं। इन क्षेत्रों में पिछले छह माह में वारदात बढ़ी हैं। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने इन घटनाओं को पर कैसे रोक थाम की जाए इसको लेकर मंथन करते हुए सबसे पहले पुलिस और नगर निगम से संयुक्त सर्वे कराया।

नक्शे पर स्थानों को पिंक(महिलाओं से छेड़छाड़) हरा (कुत्ता काटने की घटनाएं ) ब्ल्यू (जलभराव के क्षेत्र) को अलग से चिन्हित कराते हुए उसमें रंग भरवाए हैं। ताकि अधिकारी इस मैप को देखकर क्विक रिस्पोंस दे सकें।

राजधानी में ही महिलाओं और बच्चो को लेकर बढ़ रही वारदातों पर यूं तो कई बैठकों में मुद्दे उठते रहे हैं, लेकिन इस बार इनकी रोकथाम और महिलाएं सुुरक्षित घर पहुंचे इस पर मंथन चल रहा है।

कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने इसमें जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ, पुलिस महकमा, नगर निगम, पशुपालन विभाग, महिला बाल विकास को भी इसमें शामिल किया है। ये सब मिलकर महिलाएं, बच्चों और जलभराव की समस्या से लोगों को राहत पहुंचाएंगे।

महिलाओं की सुरक्षा के ये इंतजाम

नक्शे पर पिंक क्षेत्र के रूप में चिन्हित किए गए क्षेत्रों में अलग से महिला दस्ते की तैनाती। इसमें आंगनवाड़ी महिलाओं को भी सुरक्षा में लगाया जा सकता है। अलग से एक वाहन जिसमें ड्रायवर भी महिलाएं होंगी। अगर कोई महिला या छात्रा अपने को असुरक्षित महसूस कर रही है तो वो इस दस्ते की मदद से सुरक्षित पहुंच सकती है या पुलिस को तत्काल बुला सकती है। दस्ते बनने के बाद उसके नंबर का प्रचार होगा।

कुत्ता काटने की घटना रुके, इसके लिए ये इंतजाम

वर्तमान में नगर निगम अलग-अलग सेंटरों पर कुत्तों की नसबंदी करा रहा है। इस संख्या को देखते हुए जिले में 4 नए नसबंदी केंद्र और शेल्टर होम बनाने की जरूरत है। कलेक्टर तरुण पिथोड़े जमीन चिन्हित कर नगर निगम को सौपेंगे जिसमें कुत्तों को शेल्टर करने के इंतजात भी किए जाएंगे। इन चार नए सेंटरों को एनजीओ संचालित करेंगे। ताकि नसबंदी और उनके खाने की व्यवस्था प्रॉपर हो सके।

जल भराव के क्षेत्रों पर तत्काल पहुंचे अधिकारी

नक्शे पर जलभराव के क्षेत्रों को अलग से दर्शाने के पीछे कलेक्टर की मंशा ये है कि बाढ़, आपदा के दौरान इन क्षेत्रों में अगर कहीं से समस्या आती है तो नया अधिकारी भी नक्शे की मदद से तत्काल मौके पर पहुंच सके। जिला प्रशासन के अलावा नगर निगम या एनडीआरएफ में कभी अमला अलग होता है। उनके पास ये मैप रहेगा तो लोगों को क्विक मदद मिल सकेगी।

ये क्षेत्र हैं ज्यादा प्रभावित

महिलाओं के मामले में सिकंदराबाद, नादरा, टीटी नगर सॢकल, एमपी नगर जोन वन और टू, प्रेमपुराघाट, मनुआभान की टेकरी, शाहजहांनाबाद सर्किल सहित 18 क्षेत्र हैं। बच्चों को काटने की घटना में शाहजहांनाबाद, इस्लामपुरा, जिंसी चौराहा, सराय सिकंदरी (स्टेशन रोड ) अशोका गार्डन, कोहेफिजा, शंकराचार्य नगर (भेल) अयोध्या नगर (एम एंड जे सेक्टर ) वन ट्री हिल (बैरागढ़) जवाहर चौक(नियर पीएंडटी कॉलोनी ), काजी कैंप, लक्ष्मी टॉकीज, बरखेड़ी (जहांगीराबाद ) आनंद नगर, प्रियंका नगर (कोलार रोड ) हैं।

 

नक्शे पर अलग अलग रंग से स्थान दर्शाने के पीछे मकसद ये है कि अधिकारियों को स्थान स्पष्ट रहें और जरूरतमंद को तत्काल राहत मिल सके। महिला दस्ते के वाहन के लिए अलग से फंड की व्यवस्था कराई जा रही है। इसे डायल 100 से अलग रखेंगे।
- तरुण पिथोड़े, कलेक्टर



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