काबुल। अमरीका और तालिबान के बीच शांति समझौता खटाई में पड़ता दिख रहा है। इस बड़े समझौते के बावजूद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को एक बड़ी हिंसक घटना सामने आई। यहां पर एक राजनीतिक रैली में अचानक हुई गोलीबारी में 32 लोगों की मौत हो गई। इस हमले ने बेहद कड़ी सुरक्षा वाले इस इलाके में सुरक्षा की कमी को उजागर किया है।
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गौरतलब है कि 29 फरवरी को अमरीका और तालिबान के बीच हुए समझौते के मुताबिक 14 महीनों के अंदर विदेशी बलों की देश से वापसी होनी है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी के अनुसार मृतकों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं और इसके अलावा 29 अन्य लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफगान का विशेष बल हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी निजामुद्दीन जलील ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि तालिबान ने तत्काल हमले की जिम्मेदारी से इनकार किया है। यह हमला हाजरा जातीय समुदाय से आने वाले राजनेता अब्दुल अली माजारी की याद में आयोजित एक समारोह पर किया गया। इस समुदाय के अधिकतर लोग शिया हैं।
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