नई दिल्ली। 7 मार्च 2020 को राजस्थान पत्रिका ( Patrika ) अपना 65वां स्थापना दिवस ( Rajasthan Patrika Foundation Day ) मना रहा है। 64 साल पहले इसी दिन पत्रिका ( Rajasthan Patrika ) का पहला अंक प्रकाशित हुआ था। पत्रिका शुरुआत से ही अपनी विश्वसनीयता और उच्च मूल्यों के लिए जाना जाता है । यही वजह है लोग इसे 'न्यूज पेपर विद अ सोल' के नाम से जानते हैं।
पत्रिका ग्रुप प्रिंट मीडिया के साथ-साथ रेडियो, टीवी और डिजिटल प्रारूप में भी लोगों की पहली पसंद है। एक सर्वे के मुताबिक संपूर्ण राजस्थान में प्रत्येक दस में से लगभग आठ पाठक राजस्थान पत्रिका ही पढ़ते हैं। इतना ही नहीं इसने एशिया के टॉप 5 अखबारों ( Asia Top 5 Newspaper ) में भी अपनी जगह बनाई है।
साल 1956 में 7 मार्च को स्वर्गीय श्री कर्पूर चन्द्र कुलिश ने राजस्थान पत्रिका नाम से इसकी शुरुआत की थी। तभी से इस दिन को पत्रिका के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जब कुलिश जी (Karpoor Chandra Kulish ) ने राजस्थान पत्रिका का पहला अंक निकाला था तभी उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि ये एक ऐसा समाचार पत्र है जो हमेशा जनता के लिए होगा। इस अख़बार में खबरों के साथ-साथ समाज कल्याण की बातें भी होंगी।
राजस्थान पत्रिका को लाने से पहले कुलिश जी समाचार पत्र राष्ट्रदूत के लिए कार्य किया करते थे। उन दिनों राजस्थान में दो अ़खबार ही हुआ करते थे और दोनों ही दिल्ली आधारित समाचार पत्र थे। उस समय राजस्थान से कोई बड़ा अख़बार नहीं प्रकाशित होता था।
इसके बाद स्वर्गीय श्री कर्पूर चन्द्र कुलिश ने साल 1956 में राजस्थान पत्रिका लाने का फैसला किया। उन्होंने इसे उधार के 500 रुपये की पूंजी से प्रकाशित किया था। कुलिश जी ने 64 साल पहले जो बीज बोया था वो आज 'बरगद का पेड़' बन गया है। पत्रिका के राजस्थान सहित देश के कुल 9 राज्यों से 38 संस्करण प्रकाशित होते हैं और अन्य राज्यों में इसके विस्तार की योजना भी बनाई जा रही है।
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