इंदौर. करोडों के घोटाले के कारण चर्चित रहे पिनेकल ड्रीम्स प्रोजेक्ट में करीब 500 पीडि़तों को फ्लैट मिलने की उम्मीद बन गई है। रेरा (भू संपदा विनियामक प्राधिकरण) ने फ्लैट बुक करने वालों से राशि लेकर काम पूरा करने के लिए एक निगरानी समिति बना दी है, हर महीने इस समिति की बैठक होगी।
पिनेकल डिजायर व पिनेकल ड्रीम्स प्रोजेक्ट में प्लाट व फ्लैट की बुकिंग करने के बाद लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई थी। एक फ्लैट दो अथवा ज्यादा लोगों को बेचकर धोखाधड़ी की थी जिसमें लसूडिय़ा, विजयनगर थाने में कई केस दर्ज हुए और प्रोजेक्ट लाने वाली कंपनी जेएसएम देवकॉन के डायरेक्टर आशीष दास को गिरफ्तार भी किया था। एक डायरेक्टर पुष्पेंद्र वढेरा अभी फरार है। पिनेकल ड्रीम्स प्रोजेक्ट में छह बहुमंजिला टॉवर बनने थे, तीन टॉवर पूरे बन चुके है, तीन के काम कुछ अधूरा है। करीब 500 लोगों ने फ्लैट के लिए राशि जमा की थी और सभी परेशान हो रहे थे। पिनेकल संघर्ष समिति ने बाद में प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए रेरा की शरण ली थी। प्रोजेक्ट पूरा करने के वादे पर आशीष दास को भी जमानत मिली। संघर्ष समिति के अध्यक्ष ही डॉ. एसएल शर्मा के मुताबिक, रेरा ने एक निगरानी समिति बना दी है। इसमें डॉ. शर्मा के साथ ही आशुतोष मोदी, आसिफ खान व आशीष दास को शामिल किया है। करीब 500 फ्लैट धारकों से बकाया करीब 50 करोड़ रुपए जमा करने के बाद तीन टॉवर का निर्माण पूरा करने का काम समिति की निगरानी में होगा। जब काम पूरा हो जाएगा तो फिर पीडि़तों के पक्ष में रजिस्ट्री कराने के साथ ही उन्हें कब्जा सौंपने की कार्रवाई होगी।
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