इंदौर. भू माफिया बॉबी छाबड़ा से संबंधित सहकारी संस्थाओं की कॉलोनियों के प्लाटों की रजिस्ट्री पर अब प्रशासन की नजर रहेगी। डीआइजी ने इस संबंध में कलेक्टर को पत्र लिखा है जिसके आधार पर नई व्यवस्था की जा रही है।
पुलिस ने करीब २० दिन बॉबी छाबड़ा को रिमांड पर लेकर पूछताछ की लेकिन कई संस्थाओं की गड़बड़ी के मूल दस्तावेज जब्त नहीं हुए। हालांकि सविता संस्था की जमीन के सौदे में बॉबी के हस्ताक्षर वाला दस्तावेज जरुर मिला है। इसके साथ ही पुलिस को कई संस्थाओं के सदस्यों के हस्ताक्षर वाले कोरे दस्तावेज मिले है। आशंका है कि इस तरह के दस्तावेजों का इस्तेमाल सदस्य के प्लाट बेचने के लिए किया जाता है। डीआइजी रुचि वर्धन मिश्र के मुताबिक, बॉबी छाबड़ा के दखल वाली सहकारी संस्थाओंं को लेकर कलेक्टर को पत्र लिखा है। प्रशासन से आग्रह किया है कि इन संस्थाओं की कॉलोनी में किसी प्लाट अथवा संपत्ति की रजिस्ट्री होने आए तो पहले वह किसके नाम अलाट थी उसकी जांच करें। हालांकि माफिया अभियान के दौरान कलेक्टर ने रजिस्ट्री पर रोक लगाई थी लेकिन अब भविष्य में हर रजिस्ट्री पर नजर रखी जाएगी।
बॉबी छाबड़ा से पुलिस ने श्रीराम नगर संस्था, केंद्रीय कर्मचारी संस्था, जागृति संस्था के बारे में पूछताछ हुई है। एक केस भंवरकुआं थाने में बॉबी छाबड़ा व संदीप रमानी पर हुआ लेकिन इस मामले में अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। संदीप रमानी पर दो केस हो चुके है, साथी सतबीर पर रावजीबाजार में केस दर्ज है और इन्हीं के घर से संस्थाओं के दस्तावेज मिले थे। अफसरों ने तय किया है कि जब संदीप रमानी व सतबीर छाबड़ा गिरफ्तार होंगे उस दौरान आमने सामने बैठाकर पूछताछ करने के लिए भंवरकुआं वाले केस में बॉबी की गिरफ्तारी लेकर रिमांड पर लेने का प्रयास किया जाएगा।
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