नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(्रढ्ढ) की मदद से एक लावारिस शव की शिनाख्त की और हत्या के आरोप में एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने एआइ तकनीक से पहले शव की आंखें खोलीं, फिर घटनास्थल की पृष्ठभूमि बदलकर व्यक्ति के चेहरे की फोटो बना दी। एआइ तकनीक से शव की शिनाख्त का देश में शायद यह पहला मामला है।
पुलिस की ओर से लावारिस शव की शिनाख्त के लिए आमतौर पर शव की फोटो खींचकर इसके पोस्टर थानों और अन्य जगह लगाए जाते हैं। अखबारों में इसी फोटो के विज्ञापन देकर लोगों से शिनाख्त की अपील की जाती है। कई बार ऐसी फोटो में आंखें बंद रहती हैं। फोटो धुंधली भी होती है। इससे चेहरा साफ नजर नहीं आता। दिल्ली पुलिस को कोतवाली थाना क्षेत्र में युवक का शव 10 दिसंबर को लावारिस हालत में मिला था। मृतक के पास मोबाइल और शिनाख्ती कागजात नहीं मिले। मोबाइल को आरोपियों ने झाडिय़ों में फेंक दिया था। जांच में पता चला कि आरोपी वाइफ स्वैपिंग क्लब से जुड़े हुए थे। इस क्लब से कई महिलाएं शामिल हैं।
फोटो देखकर छोटे भाई ने की पहचान
शव की शिनाख्त के लिए एक टीम बनाई गई। टीम को कहा गया कि एआइ की मदद से ऐसी फोटो तैयार की जाए, जिससे परिजन आसानी से शिनाख्त कर लें। टीम ने जो फोटो तैयार की, उसके पांच सौ पोस्टर छपवाकर दिल्ली के हर थाने के बाहर लगाए गए। छावला थाने की दीवार पर पोस्टर देखकर मृतक के भाई ने कोतवाली को फोन कर बताया कि पोस्टर में दिख रहा व्यक्ति उसका बड़ा भाई हितेंद्र है।
शराब पार्टी के दौरान हुई थी हत्या
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि हितेंद्र की महिला मित्र रूबी से जेम्स दोस्ती करना चाहता था। इस पर दोनों में विवाद हो गया। नौ दिसंबर को शराब पार्टी के दौरान जेम्स ने अपनी महिला मित्र एनी और दोस्त रॉकी के साथ हितेंद्र की गला घोंटकर हत्या कर दी। बाद में दोस्त विपिन के साथ शव एक फ्लाइओवर के नीचे फेंककर सभी भाग गए थे।
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