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Tuesday, July 30, 2019

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Red Alert : MP में बाढ़ के हालातों के बीच, भोपाल में दो साल का रेकॉर्ड टूटा

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भोपाल। मध्य प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी है। जिसके चलते मध्यप्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के हालात ( flood conditions ) बन गए हैं। एक ओर जहां सीहोर में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर राजगढ़ में भी बारिश के चलते कई नदी नाले उफन ( Red Alert ) रहे हैं।

वहीं भोपाल में भी सोमवार सुबह से मंगलवार शाम तक 201 मिमी पानी बरसा, जो जुलाई के महीने में पिछले दो साल में सबसे ज्यादा है। एक रात में बड़े तालाब में करीब 6 फीट पानी ( water ) बढ़ गया। इंदौर-भोपाल हाईवे पर फंदा खजूरी के बीच नाले का पानी सड़क ( heavy rain ) पर आने से 2 घंटे यातायात बाधित रहा।

राजगढ़ जिले में रपटा पार कर रहा युवक बह गया। बिजली गिरने से एक ग्रामीण की मौत हो गई। वहीं, आधा दर्जनों जिलों में तेज बारिश से उफान पर आए नदी-नालों के कारण मंगलवार को कई रास्ते बंद रहे।

मौसम विभाग ने बुधवार को 18 जिलों में भारी बारिश की आशंका जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। हालांकि प्रदेश के 17प्रतिशत हिस्से में अब भी सामान्य से कम बारिश हुई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कलेक्टरों को निर्देश जारी कर अलर्ट पर रहने को कहा है।

भोपाल और सीहोर....
ये रास्ते बंद : रायसेन-सांची मार्ग पर पग्नेश्वर बेतवा पुल डूब गया। सांची जाने के लिए लोगों को विदिशा होकर जाना पड़ा। रतलाम के आलोट व ताल में चंबल नदी में बाढ़ के हालात बन गए। मंदसौर-रतलाम रोड पर बरखेड़ा कलां की पुलिया पर पानी आने से आवागमन रुका रहा।

कहां कैसे हालात... नीमच जिले के बधावा में सरकारी स्कूल की छत गिरने से 4 बच्चे घायल हो गए। राजगढ़ के देहरीकराड़ में मवेशी चराने गए दंपती नेवज नदी और नाले के बीच फंस गए। उन्हें रेस्क्यू कर निकाला। भंडावद में दो बाइक सवार नाले के बहाव में फंस गए। सीहोर में मकान व दुकानों में 5 से 10 फीट तक पानी भर गया। लोगों ने छत पर रात काटी। मोहनपुरा बांध के आठ गेट खोलने पड़े।

औबेदुल्लागंज के पास भोजपुर रोड पर गोदर नदी में युवक बह गया, लेकिन वह तैरकर निकल गया। रायसेन के बरेली में 146 मिमी बारिश हुई। यहां एक स्कूल की दीवार गिरने से उसकी चपेट में आए चौकीदार की मौत हो गई। सारणी में दो साल बाद सतपुड़ा बांध से एक साथ 50 हजार क्यूबिक पानी छोड़ा।

हरदा में अजनाल, माचक, गंजाल नदी के अलावा नर्मदा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी : सागर, दमोह, मंडला, जबलपुर, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, भोपाल, सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, बैतूल जिलों में बुधवार को कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश की चेतावनी है।

कुछ खास:
सीहोर में हुई अच्छी बारिश से भरा तालाब...
सीहोर में अच्छी बारिश का दौर जारी है। मंगलवार सुबह 8.30 बजे तक (24 घंटों में) सीहोर में 76.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। मंगलवार को भी तेज बारिश हुई। इससे कोलांस नदी उफान पर आ गई। यह पानी बड़ा तालाब में आ रहा है। इस सीजन में सीहोर में 593.6 मिमी बारिश दर्ज हो चुकी है।

: 10 साल में दूसरी बार जुलाई में इतनी बरसात, टूट गया बारिश का दो साल का रेकॉर्ड

: 2016 की जुलाई में हुई थी सबसे ज्यादा 660.5 मिमी बारिश। इस सीजन में मंगलवार तक हो गई 589.6 मिमी बारिश।

: 7.5 मिमी से ज्यादा आज बरसे बादल तो टूट जाएगा 10 साल का रेकॉर्ड

: 4.9 मिमी बारिश हुई मंगलवार सुबह 8.30 से रात 11.30 बजे के बीच

: कोलांस नदी का पानी खेतों में घुस आया। इससे रातीबड़-फंदा के बीच का रास्ता बंद हो गया।

तेज बारिश से घरों में कैद होकर रह गए लोग -
भोपाल शहर में हो रही लगातार भारी बारिश के कारण निचले इलाकों, कॉलोनियों, मकानों सहित आसपास गांवों में पानी भर गया। जिससे जनजीवन काफी प्रभवित हो गया। रविवार-सोमवार की रात हुई तेज बारिश के कारण लोग घरों में कैद होकर रह गए। बारिश से जहां एक ओर नदी नाले उफान पर आ गए, तो वहीं कई घरों में बारिश का पानी भर गया।

वहीं संत हिरदाराम नगर में सोमवार रात अचानक हुईं बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। मूसलाधार बारिश की वजह से बैरागढ़ स्थित संत जी की कुटिया के पास मुख्य सड़क मार्ग बंद हो गया और निचली बस्तियों के घरों में बारिश का पानी भर गया।

बैरागढ़ के आसपास के कई गांवों में भी घरों में पानी भर गया। जिसके बाद तहसीलदार और पटवारियों ने गांवों मे पहुंच कर नुकसान का सर्वे किया। अचानक आईं बरसात से फंदा में कई घरों में नाले का पानी भर गया,तो कुछ घर पानी में पूरी तरह से डूब गए। जिनमें रहने वालों ने ऊंचे स्थानों पर जान पहचान और रिश्तेदारों के यहां रात बिताई।

आंगनबाड़ी में भरा पानी
ईंटखड़ी पंचायत की आंगनबाड़ी में बारिश का पानी भर गया। जिससे यहां रखा पोषण आहार भीग गया। ग्रामीणों का कहना है कि अक्सर बारिश मेंं आंगनबाडी में पानी भर जाता है, इसलिए इसको दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना चाहिए।

ये जगह हुई जलमग्न
सीआरपी, मछली मार्केट, राजेंद्र नगर सहित संत नगर के अंदरूनी इलाकों के बारिश का पानी घरों में घुस गया। वहीं पंजाब नेशनल बैंक रोड, डॉक्टर भंभानी रोड, सर्राफा बाजार में सड़कों पर बारिश का पानी भरने से नदी में बदल गई।

मवेशियों की मौत
सोमवार आई रात को अचानक हुई तेज बारिश के कारण आईं बाड़ से बारिश का पानी से तूमड़ा निवासी ठाकुर प्रसाद पिता माधोलाल के घर की दीवार गिर गई। दीवार रि जाने से एक गाय और एक भैंस की मौत हो गयी।

भोपाल में यहां यहां हुआ जलभराव...

: अयोध्या बायपास नरेला शंकरी स्थित अहिंसा विहार कॉलोनी।
: बाग सेवनियां स्थित अमराई की एलआईजी सीनियर आवासों में।
: कोलार रोड के फाइन एवेन्यू रहवासी क्षेत्र में।
: शाहजहांनाबाद के कई क्षेत्रों में।
: करोंद में ट्रूबा कॉलेज के पास।
: पद्मनाभ नगर के घरों में ।
: भानपुर स्थित गीतानगर में।
: त्रिलंगा स्थित पीएनबी शाखा में।
: टीला जमालपुरा स्थित वसुंधरा कॉलोनी के कई घरों में।
: सूरजनगर सिविल डिस्पेंसरी में।
: जोन चार कार्यालय में।
: महामाई का बाग छोटी मस्जिद के पास मकान नंबर 352 में।
: वार्ड 38 के विश्वकर्मा नगर स्थित आंगनवाड़ी केंद्र के पास ।
: वार्ड 39 की गली नंबर आठ में इमली वाली मस्जिद के पास घरों में ।
: कोलार के कृष्णा कॉम्प्लेक्स में।
: वार्ड 67 के राजीव नगर ए सेक्टर के आवासों में।
: वार्ड 44 के मकान नंबर ए/97 में ।
: न्यू मार्केट की स्मार्ट पार्किंग में।

बांधों के हाल: 1663 के करीब पहुंचा बड़ा तालाब, केरवा को डेढ़ फीट पानी की दरकार...

बड़ा तालाब :

06 फीट पानी एक रात में बढ़ा
1666.80 फीट के पहले खुल जाएंगे बड़े तालाब के गेट
12 जुलाई 2016 को खुले थे तालाब के गेट

केरवा डैम :
1661.50 फीट पर केरवा डैम, 1663 फीट पर खुलेंगे इसकी नहर के गेट
03 मीटर तक पानी बढ़ा एक दिन में

कोलार डैम :
446.35 मीटर पर पहुंचा कोलार डैम का जलस्तर। 462.20 मीटर है एफटीएल।

यहां करें संपर्क: जलभराव समेत अन्य आपदा की स्थिति में फतेहगढ़ कंट्रोल रूप के 2542222 और होमगार्ड कंट्रोल रूप नंबर 1079 पर संपर्क कर सकते हैं।

यहां घुटनों तक भरा पानी
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के होशंगाबाद रोड, बागमुगालिया, कटारा हिल्स की 24 से ज्यादा कवर्ड कैंपस कॉलोनियों में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात हुई तेज बारिश के बाद पानी भर गया।

इन इलाकों में स्टार्म वाटर ड्रेनेज के नाले नहीं हैं और टीएण्डसीपी ने भी बगैर भौतिक सत्यापन किए कॉलोनी बनाने की अनुमतियां जारी कर दीं। नियमानुसार सरकारी नाले नहीं होने की स्थिति में डवलपर्स को ड्रैनेज चेनल तैयार करने थे। इससे बारिश का पानी चैनल से होते हुए डाउन स्ट्रीम की ओर बहता और जलभराव की स्थिति नहीं बनती।

इन कैंपस में भरा पानी
मंगलवार को कटारा हिल्स के सिल्वर एस्टेट वर्टिका, नंद विहार, अमलतास एवेन्यू, पार्क सिटी, बागमुगालिया एक्सटेंशन मुख्य मार्ग, होशंगाबाद रोड सेंट्रल स्कूल के आसपास की कॉलोनियों में पानी भर गया। इससे लोग परेशान हुए।

भौतिक सत्यापन के लिए वार्ड स्तर पर बीएमसी के सिविल इंजीनियर रिपोर्ट बिल्डिंग परमिशन शाखा को देते हैं। ड्रेनेज सिस्टम बनाने और इसके नियमितीकरण की जिम्मेदारी नगर निगम की है।
- सुनीता सिंह, संयुक्त संचालक, टीएण्डसीपी



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