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Wednesday, November 11, 2020

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जेल में ही रहेंगे कम्प्यूटर बाबा, सेशन कोर्ट से नहीं मिली जमानत

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इंदौर. तीन दिन से जेल में बंद कंप्यूटर बाबा को अभी और जेल में ही रहने होगा। बाबा को सेशन कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उनकी पुनरीक्षण याचिका निरस्त कर दी। याचिका में वह आदेश ही संलग्न नहीं था जिसके खिलाफ उन्होंने याचिका पेश थी। इस पर कोर्ट ने गुणदोष पर टिप्पणी किए बिना खारीज कर दीया है। नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा को 8 नवंबर को धारा 151 में 6 अन्य के साथ गिरफ्तार किया था। 9 को अन्य 6 को तो रिहा कर दिया गया, लेकिन कंप्यूटर बाबा अब भी जेल में हैं। एडवोकेट रविंद्रसिंह छाबडा के माध्यम से बाबा ने एसडीएम के आदेश के खिलाफ जिला कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश शहाबुद्दीन हाशमी के समक्ष सुनवाई हुई। कोर्ट को बताया गया कि एसडीएम को पुनरीक्षण याचिका प्रस्तुत होने की सूचना मिलने के बाद उन्होंने कोई आदेश पारित किया है। इसकी प्रमाणित प्रति प्रस्तुत करने में समय लगेगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में याचिका विचारणीय नहीं है। इसलिए निरस्त किया जाता है।

ये है मामला
मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित नामदेव दास त्यागी यानी कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ रविवार को निगम प्रशासन ने अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई की। बाबा के अवैध निर्माण वाले गोम्मट गिरी आश्रम को प्रशासन ने रविवार को जमीदोज कर दिया। वहीं, बाबा को प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है। भाजपा और कांग्रेस सरकार में राज्यमंत्री रह चुके कंप्यूटर बाबा साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से खफा होकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालही में प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी उन्होंने शिवराज सरकार के खिलाफ लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकाली थी। बाबा पर हुई कार्रवाई के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ये कार्रवाई बदले की भावना से की गई है।

प्रशासन ने 2 महीने पहले नोटिस दिया था
इंदौर में एयरपोर्ट रोड पर जम्बूडी हप्सी गांव में बाबा का आश्रम था। आरोप हैं कि गौशाला की 46 एकड़ जमीन पर कब्जा कर इसकी 2 एकड़ जमीन पर आश्रम बना दिया था। प्रशासन ने 2 महीने पहले कंप्यूटर बाबा को नोटिस, जारी करते हुए संबंधित कागजात पेश करने को कहा था। 2 हजार रुपए का फाइन लगाकर कब्जा हटाने के लिए भी कहा था। इस दौरान बाबा की और से न तो कागज पेश किए गए और न ही कब्जा हटाया गया। ऐसे में ADM अजयदेव शर्मा रविवार सुबह नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम के साथ मिलकर आश्रम का अवैध निर्माण तुड़वा दिया। विरोध की आशंका को मद्देनजर रखते हुए पुलिस ने पहले ही बाबा और उनके 4 सहयोगियों हिरासत में ले लिया था।



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