
इंदौर. ढाई साल के मासूम के मामले में सुनवाई के लिये न्यायलय में छुट्टी के दिन सुनवाई हुई। अवकाश होने के बाद भी न्यायालय में बच्चे की कस्टडी को लेकर कोर्ट खुला और कोर्ट ने 7 दिन में जबाब तलब किया। दरअसल पारिवारिक विवाद के चलते बच्चे की कस्टडी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका विचाराधीन है। मां और पिता के बीच चल रहे विवाद के बीच ढाई साल का बच्चा फिलहाल पिता के पास है। मां का कहना है कि पहला अधिकार उसका है, इसलिए बच्चा दिलवाया जाए।
माता पिता दोनों को चाहिये बच्चे की कस्टडी
कोर्ट में पिता ने कहा कि बच्चे की कस्टडी का अधिकार पिता का भी होता है। मैं उसे अच्छी शिक्षा और जीवन दे सकता हूं। बच्चा भी मेरे साथ रहना चाहता है। इसके लिए वह विस्तृत में लिखित जवाब देना चाहता हूं। कोर्ट ने तर्कों से सहमत होकर सात दिन में जवाब पेश करने का आदेश दिया। 23 नवंबर को याचिका पर अगली सुनवाई होगी। एड्वोकेट हिमांशु जोशी ने बताया कि इंदौर निवासी याचिकाकर्ता महिला का विवाह वर्ष 2013 में मुंबई में रहने वाले युवक से हुआ था। वर्ष 2017 में उनको बच्चा हुआ, जो अब तकरीबन ढाई साल का है।
विवाद के बाद घर से निकाला
28 सितंबर 2020 को पति-पत्नी में विवाद हुआ, जो मारपीट तक पहुंच गया। महिला ने थाने में शिकायत भी की है। इसी बीच पिता बच्चे को लेकर घर से चला गया और उसके घरवालों ने महिला को घर से निकाल दिया। इसके बाद महिला इंदौर आ गई और बेटे की कस्टडी के लिए वन स्टॉप सेंटर में शिकायत की। सुनवाई नहीं होने पर महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मामले की सुनवाई के लिए अवकाश के बावजूद कोर्ट खुली।
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