
नई दिल्ली। रफाल सौदे को लेकर इस वक्त देशभर में सियासी घमासान मचा हुआ है। एक दिन पहले जहां सुप्रीम कोर्ट में इस फाइटर जेट सौदे को लेकर 5 घंटे तक लगातार सुनवाई हुई, वहीं इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। आरोप प्रत्यारोप के इस दौर में एक बार फिर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्ल्किार्जुन खड़गे ने कहा है कि हम लगातार इस मुद्दे को उठाते आ रहे हैं और आगे पर देश के इस बड़े घोटाले पर अपनी आवाजा बुलंद रखेंगे। यही नहीं उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को अब सदन में भी उठाया जाएगा।
खड़गे ने कहा कि सदन के आगामी शीत सत्र में हम रफाल मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे। यही नहीं उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर वे सभी विरोधी दलों को एक साथ लाने की भी पूरी कोशिश करेंगे। आपको बता दें कि सदन का शीत सत्र 11 जनवरी से शुरू हो रहा है। इससे पहले देश की सुरक्षा से जुड़े इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने वायुसेना अधिकारियों से भी सवाल जवाब किए और इस दौरान उन्होंने बताया कि वायुसेना को 1985 के बाद से ही कोई नया विमान शामिल नहीं किया गया है।
उधर.. विपक्ष ने सरकार पर रफाल को करीब 40 फीसदी महंगा खरीदने के आरोप लगाया हैं तो वहीं दूसरी तरफ दस्सू के सीईओ का कहना है कि इस सौदे के विमानों की कीमत 2014 में हुए सौदे के विमानों की कीमत से 9 फीसदी कम है।
आपको बता दें कि बुधवार को न्यायालय ने कहा कि राफेल विमानों के दाम पर चर्चा तभी हो सकती है जब वह फैसला कर लेगा कि कीमतों के तथ्यों को सार्वजनिक किया जाए या नहीं। इससे पहले सरकार ने राफेल लड़ाकू विमानों के दाम के संबंध में जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार किया और कहा कि यह जानकारी सार्वजनिक होने का, हमारे विरोधी फायदा उठा सकते हैं।
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